सीएम मोहन यादव की उपस्थिति में संस्कारधानी को मिली संस्कारलक्षी प्रकल्पों की प्रेरक भेट

सीएम मोहन यादव की उपस्थिति में संस्कारधानी को मिली संस्कारलक्षी प्रकल्पों की प्रेरक भेट
बीएपीएस श्री स्वामीनारायण संस्था द्वारा जबलपुर में चल रहे 'जीवन उत्कर्ष महोत्सव' के दूसरे दिन के संध्या कार्यक्रम का विषय था संस्कृति के आधारस्तंभ: शास्त्र, मंदिर और संत”। यह कार्यक्रम सायं 6:00 बजे होटल विजन महल, तिलहरी में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ संत-युवक मंडली द्वारा मधुर भक्तिसंगीत से हुआ। तत्पश्चात “मंदिरों का महत्त्व” और “जबलपुर माहात्म्य” पर प्रेरक वीडियो प्रदर्शित किए गए।

जबलपुर, 4 नवंबर (आईएएनएस)। बीएपीएस श्री स्वामीनारायण संस्था द्वारा जबलपुर में चल रहे 'जीवन उत्कर्ष महोत्सव' के दूसरे दिन के संध्या कार्यक्रम का विषय था संस्कृति के आधारस्तंभ: शास्त्र, मंदिर और संत”। यह कार्यक्रम सायं 6:00 बजे होटल विजन महल, तिलहरी में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ संत-युवक मंडली द्वारा मधुर भक्तिसंगीत से हुआ। तत्पश्चात “मंदिरों का महत्त्व” और “जबलपुर माहात्म्य” पर प्रेरक वीडियो प्रदर्शित किए गए।

मुख्य सत्र में पूज्य आदर्शजीवन स्वामीजी ने अपने प्रवचन में कहा कि शास्त्र, मंदिर और संत भारतीय संस्कृति के तीन दिव्य आधारस्तंभ हैं, जो समाज को आध्यात्मिकता, सदाचार और एकता की दिशा में अग्रसर करते हैं।

पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामी जी ने अपने प्रेरक वक्तव्य में अबू धाबी मंदिर की विशेषताओं का वर्णन करते हुए कहा, ''यह मंदिर केवल पत्थरों का समूह नहीं, बल्कि सह-अस्तित्व, सौहार्द और शांति का जीवंत प्रतीक है, जिसने भारत की संस्कृति को विश्व के हृदय में प्रतिष्ठित किया है।''

कार्यक्रम का समापन आरती और महाप्रसाद के साथ हुआ। देश-विदेश से सैकड़ों हरिभक्तों की उपस्थिति में आज का यह कार्यक्रम 'जीवन उत्कर्ष महोत्सव' के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गौरव को और अधिक प्रखर बनाने वाला सिद्ध हुआ। अंत में 5 नवंबर को संस्था के प्रसिद्ध वक्ता संत पूज्य ज्ञान वत्सल स्वामीजी का प्रवचन होने की घोषणा की गई।

इसके पश्चात प्रसिद्ध टीवी कलाकार एवं स्वामीनारायण संप्रदाय के अनुयायी दिलीप जोशी के साथ पॉडकास्ट के माध्यम से प्रेरणादायक प्रश्नोत्तरी की गई। कार्यक्रम में अतिथि विशेष मुख्यमंत्री मोहन यादव की गरिमामयी उपस्थिति रही। पूज्य संतों के द्वारा उनका यथोचित सत्कार पूर्ण होने के बाद एक ऐतिहासिक कार्य संपन्न हुआ, जिसमें उनके द्वारा मध्यप्रदेश के बाल-युवा वर्ग हेतु ‘चलो बनें आदर्श’ और ‘आईपीडीसी’ नामक दो संस्कारलक्षी प्रकल्पों का शुभारंभ हुआ।

खास बात यह है कि सर्वप्रथम संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर से ही मध्य प्रदेश राज्य में इन दोनों प्रकल्पों की शुरुआत हो रही है। इस हेतु रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेश कुमार वर्मा एवं मंगलायतन यूनिवर्सिटी के कुलपति केआरएस संबाशिव राव तथा जबलपुर शिक्षा विभाग के डीईओ घनश्याम सोनीजी उद्घाटन प्रसंग में खास सम्मिलित हुए थे।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने वक्तव्य में बीएपीएस संस्था के इन दोनों प्रकल्पों को राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में प्रेरक कदम बताया और संस्था के योगदान की सराहना की। साथ ही परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के प्रति अपनी आदर भावना प्रकट की।

बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान के क्षेत्र में किए जा रहे विविध कार्यों से सम्पूर्ण भारतवर्ष भली-भांति परिचित है। इन्हीं भगीरथ कार्यों की श्रृंखला में यह भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है कि भारत का प्रत्येक बालक संस्कार, शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति के अमूल्य पाठ प्राप्त कर आदर्श बालक, आदर्श विद्यार्थी और आदर्श नागरिक बन सके और इस प्रकार परिवार, समाज व राष्ट्र की सेवा में अपना मूल्यवान योगदान दे सके।

इसी उद्देश्य के साथ वर्ष 2016 में बीएपीएस संस्था द्वारा 'चलो बनें आदर्श' प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया गया था। अब तक इस प्रोजेक्ट का लाभ गुजरात की 20,000 से अधिक शालाओं के 44,00,000 से भी अधिक विद्यार्थियों तक पहुंच चुका है।

इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत मोबाइल एवं डेस्कटॉप एप्लिकेशन के माध्यम से नवीन और आकर्षक वीडियो श्रृंखला विद्यालयों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। यह पहल विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों, सकारात्मक सोच और आदर्श आचरण के विकास की दिशा में एक सशक्त कदम सिद्ध हो रही है।

साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मूल्यनिष्ठ शिक्षा को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के आदर्शों को साकार करने में यह वीडियो श्रृंखला एक अमूल्य योगदान सिद्ध होगी।

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Created On :   5 Nov 2025 3:28 PM IST

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