राजनीति: कांग्रेस की राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका पप्पू यादव

कांग्रेस की राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका  पप्पू यादव
बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से इमरजेंसी पर कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर कहा कि वो अपने दल के संकटमोचक हैं। वो अपने दल के लिए किसी भी तरह के कार्यक्रम करने के लिए पूरी तरह आजाद हैं। अब ऐसी स्थिति में अगर आप मुझसे उनके कार्यक्रम को लेकर सवाल करेंगे, तो मैं क्या ही कहूंगा।

पटना, 24 जून (आईएएनएस)। बिहार के पूर्णिया से निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से इमरजेंसी पर कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर कहा कि वो अपने दल के संकटमोचक हैं। वो अपने दल के लिए किसी भी तरह के कार्यक्रम करने के लिए पूरी तरह आजाद हैं। अब ऐसी स्थिति में अगर आप मुझसे उनके कार्यक्रम को लेकर सवाल करेंगे, तो मैं क्या ही कहूंगा।

उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि नेहरूजी, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी जैसे नेताओं की राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका रही है। लेकिन, अफसोस की बात है कि अमित शाह इस बात को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा था।

उन्होंने कहा कि अब भाजपा को इधर-उधर की बातें करना बंद कर देना चाहिए। यह बताना चाहिए कि भाजपा की सरकार ने अपने 11 साल के शासनकाल में जनता के लिए क्या कुछ कदम उठाए। हम यह मान लेते हैं कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आपातकाल लगाकर गलत किया था। जिसके बाद देश की जनता मोरारजी देसाई को लेकर आई। जनता को तय करने दीजिए कि क्या करना है। अगर आपको आलोचना ही करनी है, तो स्वस्थ आलोचना कीजिए।

उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग बार-बार इतिहास में जाकर आलोचना करते रहते हैं। बार-बार यह लोग कांग्रेस-कांग्रेस बोलते रहते हैं। अगर इतना नाम आप लोगों ने भगवान का लिया होता, तो आपका भला हो गया होता। कांग्रेस नेता राहुल गांधी तो आपातकाल के संदर्भ में माफी मांग चुके हैं। यह हिम्मत अगर आज की तारीख में किसी में है, तो वो सिर्फ राहुल गांधी में है। भारतीय राजनीति में वही एकमात्र एक ऐसे नेता हैं, जो अपनी गलतियों के लिए माफी मांग सकते हैं। भाजपा के नेताओं में ऐसी हिम्मत नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के लोगों ने आज तक देश के महापुरुषों को स्वीकार नहीं किया। इन लोगों ने जहां एक तरफ डॉ. भीमराव अंबडेकर का अपमान किया, तो वहीं दूसरी तरफ इन लोगों ने गांधी के हत्यारे को स्वीकार करके यह साबित कर दिया है कि इन लोगों का राष्ट्र निर्माण से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचक के साथ हुए अशोभनीय व्यवहार की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह भाजपा संस्कृति है।

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Created On :   24 Jun 2025 5:43 PM IST

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