राजनीति: संजय राउत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को विफल बताया; पहलगाम हमले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा

संजय राउत ने ऑपरेशन सिंदूर को विफल बताया; पहलगाम हमले को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा
राज्यसभा सांसद और शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' को 'विफल' बताते हुए पहलगाम आतंकवादी हमले को रोकने में नाकाम रहने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा है। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।

मुंबई, 27 मई (आईएएनएस)। राज्यसभा सांसद और शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' को 'विफल' बताते हुए पहलगाम आतंकवादी हमले को रोकने में नाकाम रहने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांगा है। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।

राउत ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, " 'ऑपरेशन सिंदूर' विफल रहा है। हालांकि, हम विपक्ष में हैं और राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए इस पर बात करने से बचते हैं।" उन्होंने कहा, " 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाने की जरूरत क्यों पड़ी? क्योंकि पहलगाम में 26 लोग मारे गए और इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं।"

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री को अमित शाह की लापरवाही के लिए उनसे इस्तीफा मांगना चाहिए था। इसके विपरीत, अमित शाह हमें उपदेश दे रहे हैं।"

उन्होंने गृह मंत्री की सोमवार की एक टिप्पणी का हवाला दिया। नांदेड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा था कि अगर बाला साहेब ठाकरे जीवित होते तो वे 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "गले लगाते"।

इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने कहा, "बाला साहेब ठाकरे अतीत में विवादों के दौरान भाजपा नेताओं का समर्थन करने के लिए पश्चाताप से भर गए होते।" राउत ने एनडीए नेताओं पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर असंवेदनशील बयान जारी करने का आरोप लगाया।

इससे पहले, राउत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' और पहलगाम आतंकी हमले पर संसद के दो दिवसीय विशेष सत्र की 'इंडिया' ब्लॉक की मांग को दोहराया। उन्होंने कहा, "हमारी मांग को स्वीकार करने की बजाय, भाजपा ने विदेश में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा।"

उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सवालों का सामना करने से डरते हैं और यही कारण है कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं द्वारा संसद के विशेष सत्र की मांग को नजरअंदाज कर दिया गया।

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Created On :   27 May 2025 6:29 PM IST

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