राजनीति: ईसीआई पर राहुल गांधी के आरोपों को कांग्रेस नेताओं ने माना सही, एसआईआर पर जताई आपत्ति

ईसीआई पर राहुल गांधी के आरोपों को कांग्रेस नेताओं ने माना सही, एसआईआर पर जताई आपत्ति
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चुनाव आयोग पर निशाना साधा। उन्होंने कथित तौर पर कई चुनावों की मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप दोहराया। शुक्रवार को विपक्षी सांसदों ने उनका समर्थन करते हुए सूची में अनियमितता बरतने का आरोप दोहराया।

नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चुनाव आयोग पर निशाना साधा। उन्होंने कथित तौर पर कई चुनावों की मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप दोहराया। शुक्रवार को विपक्षी सांसदों ने उनका समर्थन करते हुए सूची में अनियमितता बरतने का आरोप दोहराया।

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा, "बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी को संभव बनाने के लिए ही एसआईआर किया जा रहा है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह कदम राहुल गांधी का विस्तृत सबूतों के साथ जवाब है। अब यह स्पष्ट है कि ऐसी अनियमितताएं संभवतः पूरे देश में हुई हैं।"

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चुनाव आयोग ने जिस तरह से जवाब देना जरूरी समझा, उसमें उनकी झिझक और बेचैनी साफ दिखाई देती है। वे राहुल गांधी के तीखे सवालों का सटीक जवाब नहीं दे पाए। अब वे सबूत और घोषणाएं मांग रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी पहले ही सारे सबूत सार्वजनिक रूप से पेश कर चुके हैं। अगर चुनाव आयोग के पास अलग या विरोधाभासी तथ्य हैं, तो उन्हें प्रकाशित करना चाहिए। राहुल गांधी ने कई नामों का जिक्र किया है। अगर आपके पास डाटा है, तो बताइए कि उन्हें यह जानकारी आपकी आधिकारिक वेबसाइट से नहीं मिली।"

कर्नाटक सरकार के मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर ने कहा, "कल पूरे देश के सामने, रिकॉर्ड के साथ, एक घंटे से ज्यादा समय तक सिर्फ पत्रकार और सिर्फ राहुल गांधी ही थे। राहुल गांधी के पीछे एक बड़ी स्क्रीन लगाई गई थी और लगभग 1 घंटे 10 मिनट तक माइक पकड़े हुए उन्होंने पूरे देश के सामने मीडिया के सामने एक खुलासा किया। इससे ज्यादा और क्या रिकॉर्ड चाहिए?"

कर्नाटक सरकार के मंत्री एवं कांग्रेस नेता टी.बी. जयचंद्र ने कहा, "यह एक अनोखी स्थिति है जिसका सामना देश लोकतंत्र में कर रहा है। संवैधानिक संस्थाएं सत्ता में बैठे लोगों के प्रभाव में हस्तक्षेप कर रही हैं, जिससे लोकतांत्रिक ढांचे में अनिश्चितता पैदा हो रही है।"

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Created On :   8 Aug 2025 3:24 PM IST

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