राष्ट्रीय: बिल्डर के साथ बायर्स को भी मिलेगा शून्य काल का लाभ, यमुना अथॉरिटी की अगली बोर्ड बैठक में आएगा प्रस्ताव

बिल्डर के साथ बायर्स को भी मिलेगा शून्य काल का लाभ, यमुना अथॉरिटी की अगली बोर्ड बैठक में आएगा प्रस्ताव
यमुना अथॉरिटी इलाके में आने वाले बिल्डर्स को मिलने वाला शून्य काल का लाभ अब बायर्स को भी मिलेगा। 12 मार्च को होने वाली बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। शून्य काल 1 अप्रैल 2020 से 1 मार्च 2022 तक माना जाता है।

ग्रेटर नोएडा, 5 मार्च (आईएएनएस)। यमुना अथॉरिटी इलाके में आने वाले बिल्डर्स को मिलने वाला शून्य काल का लाभ अब बायर्स को भी मिलेगा। 12 मार्च को होने वाली बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। शून्य काल 1 अप्रैल 2020 से 1 मार्च 2022 तक माना जाता है।

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) क्षेत्र में विभिन्न बिल्डर परियोजनाओं में फंसे करीब 3,000 खरीदारों के लिए अच्छी खबर है।

प्राधिकरण ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ बिल्डर्स के साथ बायर्स को भी देने का निर्णय लिया है। यह प्रस्ताव 12 मार्च को होने वाली बोर्ड बैठक में भी रखा जाएगा। वहीं, अब भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों के 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजे की धनराशि खरीदार सीधे प्राधिकरण में जमा कराकर रजिस्ट्री करा सकते हैं।

यमुना प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि बिल्डर्स और बॉयर्स के मुद्दों को हल करने के लिए नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के तहत यीडा बिल्डरों को एक अप्रैल 2020 से एक मार्च 2022 तक शून्य काल और किसानों को मुआवजे के रूप में दी जानी वाली 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि के ब्याज पर लगे जुर्माने को माफ करने आदि लाभ देने जा रहा है।

बिल्डर के साथ फ्लैट बॉयर्स को भी इसका लाभ मिले। यमुना प्राधिकरण ने इसका भी रास्ता निकाल लिया है। यीडा की जिन बिल्डर परियोजना को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) और कम्‍प्‍लीशन सर्टिफिकेट (सीसी) जारी हो चुका है, उनके बॉयर्स 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजे की धनराशि प्राधिकरण में जमा कराकर रजिस्ट्री करा सकते हैं।

ऐसे बॉयर्स को शून्य काल का लाभ सीधा प्राधिकरण देगा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एसडीएस इंफाकॉन डेवलपर्स, एटीएस, ओमनिस ओरिस डेवलपर्स, सुपरटेक लिमिटेड, सुपरटेक टाउनशिप, सनवर्ल्ड इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन-वे इंफास्ट्रक्चर और लॉजिक्स बुल्डस्टेड समेत 8 अन्य सबलेसी बिल्डरों की परियोजनाओं में 14 हजार खरीदार फंसे हैं।

बिल्डर्स पर प्राधिकरण का 5,012. 05 करोड़ रुपये बकाया है। अमिताभ कांत समिति की सिफारिश को लागू कराने के लिए बिल्डरों को 981 करोड़ रुपये चुकाने हैं। इसके लिए प्राधिकरण के चेयरमैन अनिल सागर और अन्य प्राधिकरण बिल्डरों के साथ बैठक कर चुके हैं।

यमुना प्राधिकरण की आगामी 12 मार्च को बोर्ड बैठक होगी। बोर्ड बैठक में प्राधिकरण की सबसे पहली आवासीय योजना में फंसे 2,319 भूखंडों के आवंटियों के भूखंड दूसरी जगह पर शिफ्ट (स्थानांतरित) करने का निर्णय लिया जाएगा। इस बोर्ड बैठक का बजट पिछली बोर्ड बैठक से कई प्रतिशत अधिक होने की संभावना है।

किसानों से लेकर उद्यमियों तक सभी वर्ग को ध्यान में रखते हुए फैसले होंगे। बजट में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और फिल्म सिटी को लेकर अलग से बजट आंवटित किया जाएगा। आगामी सिंतबर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान संभव है। वहीं, मार्च के अंतिम सप्ताह तक फिल्म सिटी का शिलान्यास होगा। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण का मानना है कि यदि बिल्डर को लाभ दिया जा रहा है तो खरीदार को भी लाभ मिलना चाहिए।

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Created On :   5 March 2024 11:00 PM IST

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