राजनीति: बिहार में पप्पू यादव के जरिए सीमांचल और मिथिलांचल में बढ़त बनाने में जुटी कांग्रेस

बिहार में पप्पू यादव के जरिए सीमांचल और मिथिलांचल में बढ़त बनाने में जुटी कांग्रेस
पूर्व सांसद राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बुधवार को अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। इस प्रयास में पप्पू यादव काफी समय से जुटे थे। कहा जा रहा है कि इस विलय के जरिए एक ओर कांग्रेस सीमांचल और मिथिलांचल में बढ़त बनाने की कोशिश में है तो दूसरी तरफ पप्पू यादव भी एक राष्ट्रीय पार्टी में पहुंच गए हैं।

पटना, 20 मार्च (आईएएनएस)। पूर्व सांसद राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बुधवार को अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। इस प्रयास में पप्पू यादव काफी समय से जुटे थे। कहा जा रहा है कि इस विलय के जरिए एक ओर कांग्रेस सीमांचल और मिथिलांचल में बढ़त बनाने की कोशिश में है तो दूसरी तरफ पप्पू यादव भी एक राष्ट्रीय पार्टी में पहुंच गए हैं।

कुछ दिनों पहले पूर्णिया की रैली में पप्पू यादव ने कहा था कि यदि कांग्रेस उन्हें पूर्णिया से टिकट देती है तो वे अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय कांग्रेस में कर सकते हैं। इसके बाद कयास लगाए जाने लगे थे कि जल्द ही जन अधिकार पार्टी का विलय कांग्रेस में होगा।

दरअसल, पिछले दो महीने से पप्पू यादव पूर्णिया में काफी सक्रिय रहे। उन्होंने 'प्रणाम पूर्णिया' कार्यक्रम के जरिए पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के करीब सभी गांवों का दौरा किया और फिर 9 मार्च को पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में 'प्रणाम पूर्णिया महारैली' करके अपने सियासी इरादे जाहिर कर दिए।

पप्पू यादव के कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद इस बात के कयास लगाए जाने लगे हैं कि वह पूर्णिया या मधेपुरा से महागठबंधन के उम्मीदवार हो सकते हैं। पूर्व सांसद पप्पू यादव ने मंगलवार को राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और राजद नेता तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की थी। चर्चा तो यहां तक है कि राजद भी चाह रही थी कि जन अधिकार पार्टी का विलय उनकी पार्टी में हो जाए।

भले ही पप्पू यादव को हाल के चुनावों में सफलता हाथ नहीं लगी हो। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि सीमांचल में उनका प्रभाव है। पूर्णिया, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, कटिहार आदि सीटों पर उनका अधिक प्रभाव माना जाता है।

पप्पू यादव ने पूर्णिया की रैली में कहा भी था कि राजनीतिक, सामाजिक, संवैधानिक और आर्थिक संकट सत्ता स्वार्थ वाले नेताओं की वजह से है। इससे बचाने के लिए मैं कांग्रेस की ताकत बनना चाहूंगा। कांग्रेस चाहेगी तो मैं मधेपुरा, सुपौल की सीटें उन्हें जीत कर दूंगा। लेकिन, पूर्णिया की माटी में ही दफन होना पसंद करूंगा। पूर्णिया छोड़कर जाना नहीं है।

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Created On :   20 March 2024 6:21 PM IST

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