राष्ट्रीय: मेरठ में घर में घुसा तेंदुआ, वन विभाग ने रेस्क्यू किया

मेरठ में घर में घुसा तेंदुआ, वन विभाग ने रेस्क्यू किया
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के कसेरूखेड़ा रिहायशी इलाके में तेंदुआ के पहुंच जाने से दहशत फैल गई। कसेरूखेड़ा निवासी समीर के घर में तेंदुआ घुस गया, जिससे क्षेत्र में कुछ देर के लिए अफरातफरी की स्थिति बन गई। बाद में वन विभाग की टीम ने तेंदुआ को करीब आठ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर अपने साथ ले गई।

मेरठ, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के कसेरूखेड़ा रिहायशी इलाके में तेंदुआ के पहुंच जाने से दहशत फैल गई। कसेरूखेड़ा निवासी समीर के घर में तेंदुआ घुस गया, जिससे क्षेत्र में कुछ देर के लिए अफरातफरी की स्थिति बन गई। बाद में वन विभाग की टीम ने तेंदुआ को करीब आठ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर अपने साथ ले गई।

वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार सुबह को एक घर में तेंदुआ घुसा था, जिसे शनिवार शाम करीब साढ़े छह बजे के बाद आठ घंटे की कड़ी मशक्कत कर रेस्क्यू किया गया।

मेरठ डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ), राजेश कुमार ने बताया कि जंगल से निकलकर एक तेंदुआ शनिवार की सुबह कसेरूखेड़ा रिहायशी इलाके में पहुंचकर शिकार की तलाश में एक घर में प्रवेश कर गया। इसे देखकर इलाके के लोग शोर मचाने लगे और दहशत में रिहायशी इलाके में अफरातफरी मच गई। स्थानीय लोगों की सूचना के बाद वन विभाग की टीम कसेरुखेड़ा इलाके में पहुंची और आठ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पहले तेंदुआ को ट्रेंकुलाइज कर (बेहोशी का इंजेक्शन देकर) किया गया और फिर उसे रेस्क्यू कर लिया गया।

डीएफओ ने बताया कि टीम ने पहले यह सुनिश्चित किया कि सभी लोगों को मकान से सुरक्षित निकाल लिया जाए और सभी प्रवेश और निकास बिंदु भी बंद कर दिए जाएं। इस दौरान तेंदुआ भी दहशत में दिखाई दे रहा था। आखिरकार, उन्होंने तेंदुए को एक खाली कमरे के अंदर एक कुर्सी के पीछे छिपे हुए पाया। उन्होंने तुरंत कमरे के प्रवेशद्वार को अवरुद्ध कर दिया, घर के चारों ओर जाल लगाया।

अनुमान लगाया गया है कि तेंदुआ नर है और उसकी उम्र करीब तीन से चार साल है। उसे सावधानी से एक जाल के पिंजरे में डाला गया। स्थानीय लोंगों का कहना है कि कसेरूखेड़ा क्षेत्र के समीर के घर तेंदुआ घुस गया। उस समय घर में समीर के दो बच्चे मंकु (8), वीरा (10) और उसकी सास कमरे में थीं। कमरे के बाहर ही बरामदे में तेंदुआ बैठ गया।

परिजनों ने तेंदुआ दिखते ही कमरे का दरवाजा भीतर से बंद कर लिया। डीएफओ ने कहा कि कई बार पर्याप्त खाने और आवास की कमी के कारण तेंदुए जैसे जंगली जानवरों को भोजन और आश्रय की तलाश में मानव बस्तियों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। यही स्थिति अक्सर मानव-तेंदुए के संघर्ष की ओर ले जाती है, जिसके मानव और वन्यजीव दोनों के लिए हिंसक और क्रूर परिणाम होते हैं।

उन्होंने ने कहा कि कि तेंदुए को शिवालिक रेंज में छोड़ा जाएगा। तेंदुआ पूरी तरह स्‍वस्‍थ है। संभावना जताई जा रही है कि शिकार की तलाश में तेंदुआ रिहायशी इलाके में पहुंच गया होगा।

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Created On :   13 April 2024 10:04 PM IST

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