धर्म: आदिवासी, वनवासी, ग्रामीण या शहरों में रहने वाली हर कन्या देवी है राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
लखनऊ, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मार्गदर्शन से संचालित संस्था 'प्रेरणा' की ओर से सोमवार को चैत्र-नवरात्रि के दिन 2,100 कन्याओं के भव्य पूजन-वंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में हिस्सा लेने पंहुचीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जिस प्रकार हम भारत माता की पूजा करते हैं, ठीक उसी प्रकार हम कन्याओं की भी पूजा करते हैं। कन्याएं देवी का स्वरूप हैं। यहीं बच्चियां बड़ी होकर एक आदर्श समाज का निर्माण करती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी, वनवासी, ग्रामीण या शहरों में रहने वाली हर कन्या देवी है। इनकी शिक्षा और सुरक्षा हमारा प्रमुख दायित्व है। हर परिवार की जिम्मेदारी है कि वह अपनी कन्याओं को उचित शिक्षा दें। वह बड़ी होकर समाज के विकास करने में अहम योगदान देती हैं। बेटी चाहे आदिवासी समाज की हो या पिछड़ी बस्तियों में रहने वाली, उन्हें उचित शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था मिलनी चाहिए। समाज के हर व्यक्ति का दायित्व है कि वह कन्याओं का विशेष ध्यान रखे।
उन्होंने मातृशक्ति के संदर्भ में कहा कि एक महिला जब गर्भावस्था से गुजर रही होती है तो वह जो खाती, पीती और पढ़ती है, उसका गर्भ में पल रहे शिशु पर बहुत प्रभाव पड़ता हैं। उन्होंने महिलाओं में बढ़ते सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर के प्रति चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इन रोगों से ग्रसित होकर कई महिलाएं अकाल ही अपनी जान गवां देती हैं। ऐसे में भाजपा ने अपने घोषणापत्र में वैक्सीन लाने की बात कही है। आवश्यक है कि जब यह वैक्सीन उपलब्ध हो जाए तो लोग अपनी बच्चियों को यह वैक्सीन लगवाएं।
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Created On :   15 April 2024 6:55 PM IST