अर्थव्यवस्था: तथाकथित क्षमता से अधिक उत्पादन संरक्षणवाद का बहाना अमेरिकी अर्थशास्त्री लार्दी
बीजिंग, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। वाशिंटन स्थित थिंक टैंक पीटर्सन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकॉनॉमिक के वरिष्ठ अध्ययनकर्ता निकोलस लार्दी ने हाल ही में समाचार एजेंसी शिन्हुआ के साथ हुए एक साक्षात्कार में कहा कि तथाकथित क्षमता से अधिक उत्पादन के कथन ने सरंक्षणवाद को बहाना प्रदान किया है। ऐसा कथन वैश्विक व्यापार के लिए खतरा है ।
लार्दी ने बताया कि इस कथन के अनुसार कोई भी देश अपने घरेलू उपभोग से अधिक उत्पादन नहीं कर सकता। अगर हरेक देश अपने देश के उपभोग के लिए उत्पादन करता है, तो वैश्विक व्यापार मौजूद नहीं होगा। यह सभी आर्थिक समुदायों के लिए पूरी तरह से आपदा होगी।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बीवाईडी एक वैश्विक उद्यम है। उसे इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन का लाभ है। क्या वह सिर्फ घरेलू बाज़ार की सेवा कर सकेगा और निर्यात नहीं कर सकता?
लार्दी ने बताया कि वu तथाकथित चीन के क्षमता से अधिक उत्पादन के पीछे वैश्विकरण के विरोध और व्यापार संरक्षणवाद पर चिंतित हैं।
चीनी आर्थिक स्थिति की चर्चा में लार्दी ने कहा कि पहली तिमाही में चीनी अर्थव्यवस्था में उपभोग का योगदान 73.7 प्रतिशत है। इससे आर्थिक वृद्धि में उपभोग की अहम भूमिका जाहिर हुई है। मुझे विश्वास है कि इस साल चीन का जीडीपी पांच प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य पूरा करेगा।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
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Created On :   21 April 2024 7:04 PM IST