स्वास्थ्य/चिकित्सा: भारतीय सेना के पास होगा अपनी तरह का पहला 'स्किन बैंक'

भारतीय सेना के पास होगा अपनी तरह का पहला स्किन बैंक
लगातार आधुनिक हो रही भारतीय सेना के पास अब 'स्किन बैंक' भी होगा। यह सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के भीतर स्थापित की जाने वाली अपनी तरह की पहली सुविधा है।

नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। लगातार आधुनिक हो रही भारतीय सेना के पास अब 'स्किन बैंक' भी होगा। यह सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के भीतर स्थापित की जाने वाली अपनी तरह की पहली सुविधा है।

इसका लाभ हादसे या हमले में जलने वाले जवानों को मिल सकेगा। इसके साथ-साथ त्वचा रोग से ग्रस्त सैनिक कर्मियों को भी लाभ मिलेगा। नई दिल्ली स्थित सेना अस्पताल (अनुसंधान और रेफरल) ने मंगलवार को इस अत्याधुनिक स्किन बैंक सुविधा केंद्र को खोलने की घोषणा की।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस ऐतिहासिक पहल का उद्देश्य सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों को आग से हुई गंभीर जलन और त्वचा से संबंधित अन्य बीमारियों में इलाज करना है। इस स्किन बैंक में प्लास्टिक सर्जन, टिश्यू इंजीनियर और विशेष तकनीशियनों सहित उच्च प्रशिक्षित चिकित्सा पेशेवरों की एक टीम काम करेगी। यह सुविधा केन्द्र गुणवत्ता नियंत्रण और सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन करेगा, जिससे स्किन ग्राफ्ट की मजबूती और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।

नया स्किन बैंक स्किन ग्राफ्ट के संग्रह, प्रसंस्करण, भंडारण और वितरण के लिए एक केंद्रीकृत केंद्र के रूप में काम करेगा। जो देशभर में सैन्य चिकित्सा केंद्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन प्रदान करेगा। इस सुविधा केन्द्र की स्थापना करने के जरिए सशस्त्र बल यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कर्मियों और उनके परिवारों को सबसे उन्नत स्किन रिप्लेसमेंट उपचार की सुविधा प्राप्त हो सके।

डीजीएमएस. (सेना) और कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल अरिंदम चटर्जी ने स्किन बैंक के शुभारंभ को सैन्यकर्मियों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि यह सुविधा केन्द्र न केवल देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि गंभीर चोटों से प्रभावित लोगों की सहायता करने की क्षमता को भी मजबूत करेगा।

सेना अस्पताल (आर एंड आर) के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल अजीत नीलकांतन ने कहा, "स्किन टिश्यू के लिए एक समर्पित संसाधन होने से हम अपने रोगियों को सबसे प्रभावी और व्यक्तिपरक उपचार प्रदान कर सकते हैं, जिससे अंतत: उनके स्वस्थ होने और पुनर्वास की संभावनाओं में सुधार हो सकता है।"

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Created On :   18 Jun 2024 7:17 PM IST

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