राष्ट्रीय: नेम प्लेट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत रालोद प्रवक्ता अनिल दुबे

नेम प्लेट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत  रालोद प्रवक्ता अनिल दुबे
राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता अनिल दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेम प्लेट लगाने की अनिवार्यता पर रोक लगाने के आदेश का स्वागत किया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों और ढाबों पर मालिकों और कर्मचारियों के नाम लिखने का आदेश दिया गया था, जिस उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दिया है।

लखनऊ, 22 जुलाई (आईएएनएस)। राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता अनिल दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेम प्लेट लगाने की अनिवार्यता पर रोक लगाने के आदेश का स्वागत किया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों और ढाबों पर मालिकों और कर्मचारियों के नाम लिखने का आदेश दिया गया था, जिस उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता अनिल दुबे ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "नाम, जाति और धर्म लिखने को लेकर राष्ट्रीय लोक दल ने प्रशासन के फैसले से असहमति जताई थी। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी इस फैसले पर समीक्षा करने के लिए कहा था।"

"हमें उम्मीद थी कि सरकार इसकी समीक्षा करेगी। इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं, यह फैसला जन भावनाओं के अनुरूप है। इस फैसले से समाज में बहुत अच्छा संदेश गया है।"

उन्होंने कहा कि, यह फैसला गलत था। यह सरकार का फैसला नहीं, बल्कि प्रशासनिक आदेश था और हमें उम्मीद थी कि उत्तर प्रदेश सरकार इसकी समीक्षा करेगी। सरकार बहुत लोकप्रिय है और लोकप्रिय कार्य ही कर रही है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के 'सौहार्दमेव जयते' 'एक्स' पोस्ट पर अनिल दुबे ने कहा, "हम सब सौहार्द बनाने के लिए ही कार्य कर रहे हैं।"

श्रावण मास सोमवार से शुरू हो गया है। भक्त और श्रद्धालु कांवड़ लेकर भोले शंकर को जल चढ़ाने के लिए कई किलोमीटर की यात्रा करते हैं। उसी यात्रा के दौरान कई दुकानों और ढाबों से वो खाने का सामान व अन्य चीजें खरीदते हैं। यूपी सरकार ने सबसे पहले आदेश जारी कर इन दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया था, ताकि श्रद्धालु अपनी पसंद की दुकान से सामान खरीद सकें। उसके बाद ऐसा ही आदेश उत्तराखंड सरकार ने भी जारी किया था।

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Created On :   22 July 2024 8:41 PM IST

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