अंतरराष्ट्रीय: जिम्बाब्वे के स्वास्थ्य मंत्री डगलस मोंबेशोरा ने भारत के साथ सहयोग की सराहना की

जिम्बाब्वे के स्वास्थ्य मंत्री डगलस मोंबेशोरा ने भारत के साथ सहयोग की सराहना की
जिम्बाब्वे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. डगलस मोंबेशोरा ने मंगलवार को भारत के साथ उनके देश के सहयोग को महत्वपूर्ण बताया।

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। जिम्बाब्वे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. डगलस मोंबेशोरा ने मंगलवार को भारत के साथ उनके देश के सहयोग को महत्वपूर्ण बताया।

मोंबेशोरा ने यहां 19वीं सीआईआई इंडिया-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव में कहा कि भारत के साथ ज़िम्बाब्वे के सहयोग का महत्व काफी अधिक है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत से ज़िम्बाब्वे में कई उपकरण और उत्पाद आए हैं, और कृषि उपकरण भी भारत से उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारतीय व्यवसायों के ज़िम्बाब्वे आने की उम्मीद है, जैसा कि जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति ने उल्लेख किया है।

मोंबेशोरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदर्भ में कहा, “मैं उनके बारे में कुछ विशेष नहीं कहना चाहता, लेकिन मुझे लगता है कि हमारे उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे हैं। हमें विश्वास है कि हमारे वार्तालापों से हमें भारत के अनुभवों का लाभ मिलेगा।”

ज़िम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति कोंस्टेंटिनो गुवेया डोमिनिक नायकाद्जिनो चिवेंगा 19 अगस्त को नई दिल्ली पहुंचे थे। उनकी इस यात्रा ने भारत और जिम्बाब्वे के बीच मजबूत संबंधों को फिर से उजागर किया। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक पोस्ट के माध्यम से चिवेंगा के गर्मजोशी से स्वागत की जानकारी दी थी।

भारत और जिम्बाब्वे ने हाल ही में हरारे में तीसरी विदेश कार्यालय परामर्श बैठक आयोजित की थी, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की गई। दोनों देशों ने विकास साझेदारियों, व्यापार, डिजिटल प्रौद्योगिकी, कृषि, स्वास्थ्य, रक्षा, और सांस्कृतिक मुद्दों में सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

आज हुई 19वीं सीआईआई इंडिया-अफ्रीका बिजनेस कॉन्क्लेव का उद्देश्य अफ्रीका की वृद्धि और भारत-अफ्रीका साझेदारी की क्षेत्रीय और वैश्विक मूल्य श्रृंखला एकीकरण में भूमिका को साकार करना है। भारत वर्तमान में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो अपने अनुकूल जनसांख्यिकी और सुधारात्मक संस्थागत ताकत के बल पर तेजी से वृद्धि कर रहा है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गत जून में कहा था कि अफ्रीका तेजी से बदलावों का सामना कर रहा है और भविष्य की भूमि बनने की दिशा में बढ़ रहा है। भारत, जो विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है, अफ्रीका को एक स्वाभाविक साझेदार मानता है। जयशंकर ने भारत की अफ्रीका में भागीदारी को नई दिशा देने पर जोर दिया है, जिसमें उत्पादन, अनुसंधान, स्थानीयकरण और स्थानीय रोजगार पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

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Created On :   20 Aug 2024 7:49 PM IST

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