राजनीति: बांग्लादेश की घटनाओं के विरोध में जम्मू में हिंदू संगठनों का विरोध-प्रदर्शन

बांग्लादेश की घटनाओं के विरोध में जम्मू में हिंदू संगठनों का विरोध-प्रदर्शन
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में मंगलवार को जम्मू में विभिन्न हिंदू संगठनों ने एकजुट होकर एक विशाल रैली निकाली जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।

जम्मू, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में मंगलवार को जम्मू में विभिन्न हिंदू संगठनों ने एकजुट होकर एक विशाल रैली निकाली जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।

प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस के खिलाफ जोरदार विरोध जताया। संत समुदाय, भूतपूर्व सैनिक और अन्य संगठनों ने मोहम्मद यूनुस की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने मांग की कि भारत सरकार बांग्लादेश के हालात पर कड़ा रुख अपनाए।

विरोध-प्रदर्शन में महामंडलेश्वर निर्मल सिंह स्वामी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल शर्मा, पूर्व डीजीपी एस.पी. वैद के अलावा कई अन्य हस्तियों ने शिरकत की।

महामंडलेश्वर निर्मल सिंह स्वामी ने आईएएनएस से कहा, "बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं का जीना मुहाल कर दिया गया है। कट्टरपंथियों ने अल्पसंख्यकों का जीना मुश्किल कर दिया है। हिंदुओं को तो घरों से निकालकर मारा जा रहा है। माताओं-बहनों का बलात्कार किया जा रहा है। छोटे-छोटे बच्चों को बड़ी ही क्रूरता के साथ पीटा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र भी मूक-बधिर बनकर देख रहा है। इस पर कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा है। हम इसलिए यह रैली निकाल रहे हैं।"

सतपाल शर्मा ने कहा, "जम्मू शहर ही नहीं, देश के हर हिस्से में आज हिंदू संगठित होकर बांग्लादेश में वातावरण खराब करने वाली ताकतों के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं। बांग्लादेश में हिंदू-मुसलमान एक साथ रहता था। जिस समय बांग्लादेश आजाद हुआ था, उस समय हिंदुओं की संख्या बहुत अधिक थी। आज वहां बहुत कम संख्या में हिंदू बचे हैं। उनको वहां से भगाया गया, या उन्हें खत्म किया गया। इसी के विरोध में हम प्रदर्शन कर रहे हैं। हम बांग्लादेश सरकार को चेतावनी देना चाहते हैं कि भारतवर्ष चुप रहने वाला नहीं है।"

एस.पी. वैद ने कहा, "बांग्लादेश के अल्पसंख्यक, चाहे हिंदू हों, सिख हों, इसाई हों, सबको वहां मारा जा रहा है। वह सब वहां के रहने वाले हैं। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। वहां की सरकार उन्हें बचाने में नाकामयाब रही है। अगर उनके बस का नहीं है तो अंतर्राष्ट्रीय शांति सेना वहां भेजी जानी चाहिए।"

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Created On :   10 Dec 2024 11:18 PM IST

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