राजनीति: विजयराघवन का बयान केरल में हिंदुओं को गुमराह करने वाला वी. मुरलीधरन

विजयराघवन का बयान केरल में हिंदुओं को गुमराह करने वाला  वी. मुरलीधरन
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं केरल भाजपा के वरिष्ठ नेता वी. मुरलीधरन ने सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो के सदस्य ए. विजयराघवन के उस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा की वायनाड की जीत के पीछे सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन का हाथ बताया था। भाजपा नेता ने इसे हिंदुओं को गुमराह करने वाला बयान बताया।

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं केरल भाजपा के वरिष्ठ नेता वी. मुरलीधरन ने सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो के सदस्य ए. विजयराघवन के उस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा की वायनाड की जीत के पीछे सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन का हाथ बताया था। भाजपा नेता ने इसे हिंदुओं को गुमराह करने वाला बयान बताया।

भाजपा नेता वी. मुरलीधरन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "विजयराघवन के स्टेटमेंट का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि वो उस पार्टी के सदस्य हैं, जो कांग्रेस पार्टी के साथ इंडी गठबंधन में है। पिछले दिनों में सीएए को लेकर दोनों पार्टियों ने केरल विधानसभा में एक साथ प्रस्ताव पारित किया था। कांग्रेस को लेकर हम पहले भी आलोचना करते आए हैं, लेकिन सीपीआई (एम) के किसी नेता का ऐसा बयान सही नहीं है। अगर वो कांग्रेस की गंभीर आलोचना कर रहे हैं, तो उनको 'इंडी' गठबंधन का साथ छोड़ देना चाहिए और कहना चाहिए कि कांग्रेस के ऐसी ताकतों के साथ संबंध हैं, इसलिए हम इंडी गठबंधन से बाहर हो गए।"

भाजपा नेता ने कहा, "लोकसभा चुनाव में पहली बार केरल से भारतीय जनता पार्टी का एक सदस्य चुनकर सदन पहुंचा। इसका कारण यह रहा कि केरल के हिंदू समाज ने पार्टी को समर्थन देना शुरू कर दिया है। ऐसे में हिंदू वोट को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए वो लोग ऐसे बयान दे रहे हैं। लेकिन, आम लोगों को पता है कि यह सिर्फ बयानबाजी है। वो इससे गुमराह नहीं हो सकते। लेकिन, अगर वो गंभीर हैं तो बयानबाजी से ऊपर उठकर कार्रवाई भी करनी चाहिए।"

वी. मुरलीधरन ने आगे कहा, "सीपीआई (एम) और वामपंथी लोगों ने अगर वायनाड का चुनाव गंभीरता से लड़ा होता तो उनके शीर्ष नेताओं को वहां पर जाना चाहिए था। अगर वो आरोप लगा रहे हैं कि प्रियंका गांधी को मुस्लिम और आतंकवादी ताकतों का समर्थन मिला, तो उनके खिलाफ उन्होंने चुनाव प्रचार क्यों नहीं किया? कोई भी बड़ा नेता वहां पर नहीं था। बाद में बयानबाजी करके वो सिर्फ हिंदू मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।"

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Created On :   23 Dec 2024 7:42 PM IST

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