राजनीति: दिल्ली चुनाव कई मायनों में खास 'मुंडका' विधानसभा, भाजपा को एक बार मिली जीत, जबकि 'आप' ने हर बार बदला चेहरा

नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर है। चुनाव से ठीक पहले 'आम आदमी पार्टी' (आप) और कांग्रेस के अलग-अलग लड़ने के फैसले ने मुकाबले को त्रिकोणीय रूप दे दिया है। देश की तीनों प्रमुख पार्टियां भाजपा, आप और कांग्रेस के लिए दिल्ली की एक-एक विधानसभा सीट जरूरी हो गई।, जिसमें मुंडका विधानसभा सीट भी शामिल है।
मुंडका दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक है, जो पश्चिम दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। मुंडका विधानसभा को 2008 में परिसीमन आयोग द्वारा पुनर्गठन करके बनाया गया था। वहीं, 2016 के परिसीमन के बाद इसमें पांच वार्डों को शामिल किया गया। मुंडका के पड़ोसी गांव बक्करवाला और नांगलोई हैं। यह विधानसभा क्षेत्र दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉ. साहिब सिंह वर्मा का जन्म स्थान भी है।
2011 की जनगणना के अनुसार यहां पर हिंदू आबादी करीब 94 प्रतिशत और मुस्लिम आबादी करीब 5 प्रतिशत थी। वहीं, बाकी में अन्य धर्म को मानने वाले लोग शामिल हैं। इस क्षेत्र में जाट वोटर्स सबसे अधिक संख्या में है। वहीं, यहां की औसत साक्षरता दर 78 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 74.04 प्रतिशत से अधिक है। पुरुषों की साक्षरता दर 75 प्रतिशत और महिलाओं की साक्षरता दर 65 प्रतिशत है।
निर्वाचन आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार मुंडका विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3,09,836 है, जिसमें पुरुषों की संख्या 1,63,998, जबकि महिलाओं की संख्या 1,45,832 है। वहीं, छह वोटर्स थर्ड जेंडर के हैं।
मुंडका विधानसभा सीट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। 2008 के बाद अस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट से पहली जीत भारतीय जनता पार्टी को मिली। भाजपा के मनोज कुमार यहां से पहली बार विधायक बने। लेकिन भाजपा अगले चुनाव में वो ये परिणाम दोहरा नहीं सकी और निर्दलीय प्रत्याशी रामबीर शौकीन से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। 2013 विधानसभा चुनाव में भाजपा के आजाद सिंह यहां पर दूसरे नंबर पर रहे, जबकि आम आदमी पार्टी को तीसरा स्थान मिला।
हालांकि किसी भी दल को बहुमत प्राप्त नहीं होने के कारण ये कार्यकाल ज्यादा नहीं चला और 2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के सुखबीर सिंह दलाल ने मुंडका निर्वाचन सीट को अपने नाम किया। बीजेपी फिर से यहां पर दूसरे स्थान पर रही। 'आप' को 94,206 वोट, भाजपा को 53,380 और तीसरे नंबर पर कांग्रेस के रीता शौकीन को 13,446 मत प्राप्त हुए।
2020 विधानसभा चुनाव में 'आप' ने जीत दोहराई और 90,293 वोट हासिल करके धर्मपाल लाकड़ा यहां से विधायक चुने गए। उन्होंने भाजपा के आजाद सिंह को हराया। आजाद सिंह 71,135 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के नरेश कुमार को 5,082 मत प्राप्त हुए थे।
'आप' यहां पर चुनावी हैट्रिक लगाने के लिए प्रयासरत है, जबकि भाजपा अपना अपनी खोई राजनीतिक जमीन वापस हासिल करना चाहती है। वही, कांग्रेस को इस विधानसभा सीट पर जीत का आगाज करना चाहती है।
'आप' ने हर बार की तरफ इस बार भी प्रत्याशी बदलकर जसबीर कराला को टिकट दिया है। जबकि आप छोड़कर कांग्रेस में शामिल धर्मपाल लाकड़ा को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है। वहीं भाजपा ने गजेंद्र दराल पर दांव चला है।
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Created On :   15 Jan 2025 7:29 PM IST