राजनीति: क्या अरविंद केजरीवाल के लिए नई दिल्ली विधानसभा सीट पर जीत की राह होगी आसान, कैसा रहा राजनीतिक करियर

क्या अरविंद केजरीवाल के लिए नई दिल्ली विधानसभा सीट पर जीत की राह होगी आसान, कैसा रहा राजनीतिक करियर
दिल्ली की राजनीति के सबसे प्रमुख चेहरों में अरविंद केजरीवाल का नाम शामिल है। वह नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। केजरीवाल साल 2013 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और चौथी बार बाजी मारने की फिराक में हैं।

नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली की राजनीति के सबसे प्रमुख चेहरों में अरविंद केजरीवाल का नाम शामिल है। वह नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। केजरीवाल साल 2013 से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और चौथी बार बाजी मारने की फिराक में हैं।

अरविंद केजरीवाल का जन्म हरियाणा के हिसार जिले के सिवानी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम गोविंद केजरीवाल और माता का नाम गीता केजरीवाल है। केजरीवाल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली से की और फिर आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने टाटा स्टील में काम किया और 1992 में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में चयनित हुए। अरविंद केजरीवाल का विवाह सुनीता केजरीवाल से हुआ। दंपति के दो बच्चे हैं, एक बेटी हर्षिता और एक बेटा पुलकित।

अरविंद केजरीवाल ने सरकारी नौकरी छोड़कर सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लिया। 2011 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में हुए 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' आंदोलन में शामिल हुए और फिर राजनीति में सक्रिय हो गए। इस आंदोलन ने देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता फैलाई और जनलोकपाल की मांग को प्रमुखता दी। इस आंदोलन से निकलकर उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना की और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनहित में राजनीति करने का संकल्प लिया।

साल 2012 में अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी का गठन किया। 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित को हराकर दिल्ली में एक बड़ी जीत दर्ज की और दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। हालांकि, उन्होंने महज 49 दिनों तक सरकार चलाई।

इसके बाद, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने शानदार जीत हासिल की। 2015 में 67 सीटों पर जीत हासिल कर केजरीवाल ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की कुर्सी संभाली। 2020 में भी 62 सीटों के साथ उन्होंने दिल्ली की राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत की। उनके कार्यकाल में सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में सुधार के साथ ही दिल्लीवासियों को मुफ्त बिजली और पानी जैसी योजनाओं का लाभ मिला।

केजरीवाल के राजनीतिक जीवन में विवादों की भी कोई कमी नहीं रही। दिल्ली शराब नीति घोटाले में उनका नाम उछला और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। इसके अलावा कोविड-19 महामारी के दौरान उनके द्वारा अपने लिए आलीशान महल बनाने के आरोप भी लगे, जिसे लेकर वह मीडिया की सुर्खियों में रहे।

दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर पांच फरवरी को एक चरण में चुनाव होगा और नतीजे की घोषणा आठ फरवरी को होगी।

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Created On :   17 Jan 2025 9:45 PM IST

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