समाज: सुधा मूर्ति ने कहा, 'मुझे भारतीय पुरातत्व बहुत पसंद है', अपने फिट रहने की वजह भी बताई

सुधा मूर्ति ने कहा, मुझे भारतीय पुरातत्व बहुत पसंद है, अपने फिट रहने की वजह भी बताई
राज्यसभा सांसद व मशहूर बिजनेसमैन और इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति ने हाल ही में अपने कुंभ स्नान और पीएम मोदी के फिट इंडिया अभियान पर बातचीत की।

जयपुर, 30 जनवरी (आईएएनएस)। राज्यसभा सांसद व मशहूर बिजनेसमैन और इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति ने हाल ही में अपने कुंभ स्नान और पीएम मोदी के फिट इंडिया अभियान पर बातचीत की।

सुधा मूर्ति ने आईएएनएस से बात की और कई सवालों के जवाब दिए। एक सवाल के जवाब में सुधा मूर्ति ने कहा कि भारतीय पुरातत्व मुझे बहुत पसंद है। भारतीय इतिहास से जुड़ी किसी भी बात पर मुझे अब भी ऐसा लगता है कि मैं एक विद्यार्थी हूं। मैं बहुत इंजॉय करती हूं।

भक्ति को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हां मैं भक्ति करती हूं। हम महाकुंभ गए थे, तीन बार हमने स्नान किया। यह विश्वास है।

144 साल बाद महाकुंभ का टर्म आया है। नयी पीढ़ी कुंभ में बहुत ज्यादा जा रही है। इस पर उन्होंने कहा कि मेरी व्यक्तिगत आस्था है और मैं विश्वास करती हूं। मेरे दादा-दादी, नाना-नानी कभी गंगा में स्नान करें ये उनका इरादा था, लेकिन कभी नहीं किया। क्योंकि हम साउथ से हैं और 70 साल पहले आना-जाना बहुत मुश्किल था। इसलिए मेरे मन में था कि कभी कुंभ होता है, तो उनके नाम से भी तर्पण दूं। इसलिए मुझे उनका ऋण चुकाना था।

भक्ति और आस्था के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत होता है। मेरे मन में किस तरह की भक्ति है, आपके मन में क्या है, ये एकदम निजी है। मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कह सकती।

देश में लोगों में खासकर युवाओं में मोटापा बढ़ने को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आपको सेहतमंद चीजें खानी चाहिए। मीठा खाने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन इसकी मात्रा कम होनी चाहिए और सब इंजॉय करें। दस नहीं, दो या तीन पूरी खाएं। हम तो एक ही लेते हैं। आपको शारीरिक व्यायाम भी करना चाहिए। आपको मानसिक व्यायाम भी करना चाहिए। योग करना चाहिए। मेडिटेशन करना, ये सब अच्छी चीजें हैं।

आप फिट रहने के लिए क्या करती हैं? आप तनाव से मुक्ति के लिए क्या करती हैं? इस पर उन्होंने कहा कि मैं ज्यादा नहीं सोचती हूं। हमारी अपेक्षा कम है। हम अपेक्षा भी करते हैं, तो वह वास्तविकता के समान होती है। अपेक्षा ज्यादा होती है और वास्तविकता कम होती है, तब तनाव होता है।

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Created On :   30 Jan 2025 9:25 PM IST

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