संस्कृति: दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में स्वामीनारायण हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर का उद्घाटन

दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में स्वामीनारायण हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर का उद्घाटन
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग के नॉर्थ राइडिंग में बीएपीएस श्री स्वामीनारायण हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर बीएपीएस के वैश्विक आध्यात्मिक गुरु, परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया।

जोहान्सबर्ग, 3 फरवरी (आईएएनएस)। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग के नॉर्थ राइडिंग में बीएपीएस श्री स्वामीनारायण हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर बीएपीएस के वैश्विक आध्यात्मिक गुरु, परम पूज्य महंत स्वामी महाराज के नेतृत्व में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया।

यह मंदिर दक्षिणी गोलार्ध का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर बन गया है। इस मंदिर के उद्घाटन के बाद बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंचे और कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

बीएपीएस इस समय जोहान्सबर्ग में 12 दिवसीय “आशा और एकता महोत्सव” मना रहा है, जो भारतीय और अफ्रीकी परंपराओं के गहरे संबंधों को कला, संस्कृति और विरासत के माध्यम से दर्शाता है।

इस कार्यक्रम में दक्षिण अफ्रीका के उपराष्ट्रपति पॉल माशाटाइल भी शामिल हुए। उन्होंने महंत स्वामी महाराज से भेंट की और उन्होंने मंदिर के बहुसांस्कृतिक योगदान और अंतरधार्मिक समरसता की सराहना की। उन्होंने इसे देश की सांस्कृतिक विविधता को मजबूत करने और समुदायों के बीच आपसी समझ बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण केंद्र बताया। इससे देश की एकता और बढे़गी।

बता दें कि यह मंदिर और सांस्कृतिक परिसर 5.9 हेक्टेयर में फैला हुआ है और इसका क्षेत्र 37,000 वर्ग मीटर से अधिक है। यह दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए एक सार्थक और श्रद्धावान प्रकल्पों में से एक है। मंदिर कला, संस्कृति और आध्यात्मिकता का केंद्र है, जो हिंदू परंपराओं की समृद्ध विरासत और उत्कृष्ट शिल्पकला को दर्शाता है। इसके अलावा, यह बहुसांस्कृतिक और अंतरधार्मिक संवाद का एक मंच है, जो विभिन्न धर्मों के बीच समझ और सहयोग को बढ़ावा देता है। बीएपीएस के पर्यावरणीय जिम्मेदारी के संकल्प के तहत, यहां 100 से अधिक पेड़ लगाए गए। इस ऐतिहासिक उद्घाटन के साथ, बीएपीएस हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर दक्षिण अफ्रीका के लिए एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मील का पत्थर बन गया है, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।

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Created On :   3 Feb 2025 8:44 PM IST

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