महाकुंभ 2025: वाल्मीकि संत भी सीएम योगी के मुरीद, भव्य महाकुंभ के लिए यूपी सरकार को दिया श्रेय

वाल्मीकि संत भी सीएम योगी के मुरीद, भव्य महाकुंभ के लिए यूपी सरकार को दिया श्रेय
महाकुंभ में सभी संप्रदायों की भागीदारी देखने को मिल रही है, जो सीएम योगी आदित्यनाथ के एकता के महाकुंभ को साकार कर रहा है। इसी क्रम में वाल्मीकि समाज से जुड़े संत भी इस भव्य महाकुंभ का श्रेय योगी सरकार को दे रहे हैं। खासतौर पर सीएम योगी के प्रयासों से प्रयागराज में महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा स्थापित किए जाने से समाज के संत खुद को सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

महाकुंभ नगर, 5 फरवरी (आईएएनएस)। महाकुंभ में सभी संप्रदायों की भागीदारी देखने को मिल रही है, जो सीएम योगी आदित्यनाथ के एकता के महाकुंभ को साकार कर रहा है। इसी क्रम में वाल्मीकि समाज से जुड़े संत भी इस भव्य महाकुंभ का श्रेय योगी सरकार को दे रहे हैं। खासतौर पर सीएम योगी के प्रयासों से प्रयागराज में महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा स्थापित किए जाने से समाज के संत खुद को सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

अखिल भारतीय महर्षि वाल्मीकि साधु अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा है कि योगी हमारे गुरु भाई हैं। सर्व समाज के विकास के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय है। वाल्मीकि और रैदासी संत योगी के मुरीद हैं। उन्होंने योगी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का योगदान अतुलनीय है।

अखिल भारतीय महर्षि वाल्मीकि साधु अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर बाल योगी स्वामी प्रगट नाथ महाराज (पंजाब) के सानिध्य में महाकुंभ में विशेष यज्ञ और हवन कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें देश-विदेश से आए संतों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही। स्वामी प्रगट नाथ महाराज ने बताया कि भगवान वाल्मीकि के प्रति श्रद्धा केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इटली, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी वाल्मीकि समाज की गहरी जड़ें हैं। इन देशों में भगवान वाल्मीकि के मंदिर स्थापित किए गए हैं, जहां नियमित रूप से रामायण पाठ, भजन-सत्संग और लंगर का आयोजन होता है।

स्वामी जी ने बताया कि इटली में पिछले 12 वर्षों से भगवान राम और वाल्मीकि रामायण पर गहन शोध कार्य चल रहा है। कई विदेशी विद्वान प्राचीन रामायण की पांडुलिपियों और भगवान राम के जीवन पर विस्तृत अध्ययन कर रहे हैं। विशेष रूप से इटली में रविदास समाज और वाल्मीकि समाज के लोग मिल-जुलकर भारतीय संस्कृति को जीवंत बनाए हुए हैं।

महामंडलेश्वर ने वाल्मीकि समाज के उत्थान के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर कहा कि इंग्लैंड में 1920 में वाल्मीकि ज्ञान आश्रम की स्थापना के बाद से ही समाज को जागरूक करने के कार्य निरंतर जारी हैं। कनाडा के टोरंटो में पिछले वर्ष एक नया वाल्मीकि मंदिर स्थापित किया गया है। इसके अलावा दुबई तथा कुवैत में भी ऐसे मंदिरों की स्थापना की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

प्रयागराज, अयोध्या समेत कई जिलों में भगवान वाल्मीकि की मूर्ति स्थापना और अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट के लिए संतों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया।

स्वामी प्रगट नाथ महाराज ने कहा कि योगी ने न केवल भगवान राम के मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि वंचित समाज के उत्थान के लिए भी अनेक सराहनीय कदम उठाए हैं। वाल्मीकि समाज को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए सरकार बेहतर काम कर रही है। इसके लिए अभी और अधिक प्रयास करने चाहिए, ताकि समाज के लोग मुख्यधारा में शामिल होकर देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।

महाकुंभ के इस पावन अवसर पर महामंडलेश्वर ने कहा कि गंगा मैया तो सभी की माता हैं। उनके दरबार में सभी एक समान हैं। महाकुंभ में स्नान का पुण्य सभी को प्राप्त करना चाहिए, क्योंकि यही भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी खूबसूरती है। इसमें सभी को एक साथ जोड़ने की शक्ति है।

उन्होंने कहा कि महाकुंभ के इस अलौकिक आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया है कि सनातन संस्कृति की जड़ें न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में मजबूती से फैली हुई हैं। इसके साथ ही वाल्मीकि समाज इस संस्कृति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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Created On :   5 Feb 2025 4:39 PM IST

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