संस्कृति: तमिलनाडु के सक्कुडी में जल्लीकट्टू का आयोजन

तमिलनाडु के सक्कुडी में जल्लीकट्टू का आयोजन
तमिलनाडु के मदुरै के सक्कुडी में शनिवार को मासिक कलारीपयट्टू उत्सव के तहत वार्षिक जल्लीकट्टू मनाया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य के मंत्री तिरू पी. मूर्ति ने किया। इस वर्ष के जल्लीकट्टू उत्सव में 800 से अधिक बैल और 300 से ज्यादा प्रशिक्षक शामिल हुए।

मदुरै, 8 मार्च (आईएएनएस)। तमिलनाडु के मदुरै के सक्कुडी में शनिवार को मासिक कलारीपयट्टू उत्सव के तहत वार्षिक जल्लीकट्टू मनाया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य के मंत्री तिरू पी. मूर्ति ने किया। इस वर्ष के जल्लीकट्टू उत्सव में 800 से अधिक बैल और 300 से ज्यादा प्रशिक्षक शामिल हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत से पहले सभी बैल और प्रशिक्षकों की मेडिकल जांच की गई। इसके बाद ही उन्हें जल्लीकट्टू में भाग लेने की अनुमति दी गई। विजेताओं को पारंपरिक पुरस्कार दिए गए, जिसमें एक कपड़ा और एक ढाल शामिल थी।

इस साल के आयोजन में एक बड़ा बदलाव यह था कि पिछले कुछ वर्षों की तरह इस बार कोई नकद पुरस्कार नहीं दिया गया।

कार्यक्रम में सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर विशेष ध्यान दिया गया था। कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें सुरक्षा के लिए कई पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। इसके बावजूद, अब तक 10 लोग घायल हो चुके हैं। घायलों का इलाज नजदीकी अस्पताल में चल रहा है।

जल्लीकट्टू उत्सव हर वर्ष सक्कुडी में आयोजित किया जाता है। यह स्थानीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। इसमें प्रशिक्षकों और बैलों के बीच एक मुकाबला होता है, जिसमें प्रशिक्षक बैल को वश में करने की कोशिश करते हैं। यह शक्ति, साहस और बहादुरी की परीक्षा है, जो स्थानीय लोगों के बीच एक बहुत ही अहम परंपरा मानी जाती है।

कार्यक्रम का आयोजन पूरे दिन जारी रहा। इस उत्सव का आयोजन न केवल एक खेल के रूप में होता है, बल्कि यह तमिलनाडु की सांस्कृतिक धरोहर और परंपरा का प्रतीक भी है। जल्लीकट्टू को लेकर हमेशा ही लोग उत्साहित रहते हैं और यह एक तरह से तमिल समाज के गौरव का प्रतीक बन चुका है।

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Created On :   8 March 2025 6:06 PM IST

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