बॉलीवुड: विश्व रंग मंच दिवस पल्लवी जोशी ने बताई थिएटर कलाकारों की मुश्किलें, निमरत कौर बोलीं - 'मुझे मिला साहस'

विश्व रंग मंच दिवस  पल्लवी जोशी ने बताई थिएटर कलाकारों की मुश्किलें, निमरत कौर बोलीं - मुझे मिला साहस
विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर गुरुवार को फिल्म जगत के कई सितारों ने थिएटर से सीखे अपने अनुभवों को प्रशंसकों के साथ साझा किया। फिल्म निर्माता-अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात की और रंगमंच के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त किया। वहीं, अभिनेत्री निमरत कौर पुरानी यादों में खो गईं और कहा कि उन्होंने रंगमंच से "बहुत कुछ सीखा है"।

मुंबई, 27 मार्च (आईएएनएस)। विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर गुरुवार को फिल्म जगत के कई सितारों ने थिएटर से सीखे अपने अनुभवों को प्रशंसकों के साथ साझा किया। फिल्म निर्माता-अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात की और रंगमंच के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त किया। वहीं, अभिनेत्री निमरत कौर पुरानी यादों में खो गईं और कहा कि उन्होंने रंगमंच से "बहुत कुछ सीखा है"।

पल्लवी जोशी ने बताया कि महाराष्ट्र में थिएटर इसलिए बचा हुआ है क्योंकि टिकट खरीदना अब भी सस्ता है। उन्होंने कहा, "थिएटर का पूरा गणित बहुत अलग है। महाराष्ट्र में थिएटर इसलिए बचा हुआ है क्योंकि टिकट की कीमतें कम होती हैं, तो कलेक्शन कम होता है, जिसका मतलब है कि अभिनेताओं के पैसे और निर्माताओं के मुनाफे का मार्जिन भी कम होता है। यह दुखद है।"

जोशी ने बताया, “थिएटर में अनगिनत असाधारण प्रतिभाशाली कलाकार हैं, जिन्हें बहुत कम भुगतान किया जाता है। किसी भी नाटक में उनका काम शानदार और अमूल्य है, फिर भी शायद ही उन्हें काम के मुताबिक मेहनताना मिलता है। बड़े सितारे फिर भी कुछ पैसे कमाने में कामयाब हो जाते हैं, लेकिन बाकी लोगों को अभी भी गुजारा करने के लिए नौकरी पर निर्भर रहना पड़ता है और थिएटर को एक शौक के रूप में लेना पड़ता है।”

दूसरी तरफ, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर थिएटर के दिनों की तस्वीरें शेयर करते हुए निमरत कौर ने रंगमंच के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि थिएटर उनका पसंदीदा क्षेत्र रहा है।

उन्होंने लिखा, “एक कलाकार के तौर पर मैं जिस दौर की ऋणी हूं, उस दौर की कुछ झलकियां। यहां मुझे सबक मिला, असफलताएं मिलीं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इनके बीच एक बार फिर से शुरू करने के लिए उठ खड़े होने का साहस मिला।“

कौर ने अभिनय के रास्ते में आने वाली चुनौतियों के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने लिखा, “थिएटर मुझे आंतरिक रूप से गाइड करने वाला, साहस देने वाला पसंदीदा खेल का मैदान था, है और हमेशा रहेगा। यहां मैंने एक ही समय में सवाल करना, रचना करना, साहसी होना सीखा।“

ब्रिटिश कलाकार ऑगस्टो बोअल की एक पंक्ति "थिएटर खुद को देखने की कला है", का जिक्र करते हुए निमरत ने लिखा कि यह उक्ति "मंच के जादू के लिए यह हमेशा प्रेरित करता रहे। विश्व रंगमंच दिवस की शुभकामनाएं“।

शेयर की गई तस्वीरों में कौर कई नाटकों का मंचन करती दिखाई दीं। वह कई तरह के अलग-अलग किरदारों में डूबी नजर आईं। उन्होंने बताया कि कैसे मंच ने उनके कलात्मक सफर को आकार दिया।

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Created On :   27 March 2025 4:38 PM IST

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