राष्ट्रीय: नोएडा से पांच साल पहले लापता मां-बेटी जोधपुर से बरामद, ओटीपी ने खोला राज

नोएडा से पांच साल पहले लापता मां-बेटी जोधपुर से बरामद, ओटीपी ने खोला राज
नोएडा के सेक्टर-49 थाना से करीब पांच साल पहले लापता हुई मां-बेटी को आखिरकार पुलिस ने राजस्थान के जोधपुर से सकुशल बरामद कर लिया है। यह सफलता उस वक्त मिली, जब बच्ची के पिता के मोबाइल पर अचानक आधार कार्ड से जुड़ा ओटीपी आने लगा।

नोएडा, 6 मई (आईएएनएस)। नोएडा के सेक्टर-49 थाना से करीब पांच साल पहले लापता हुई मां-बेटी को आखिरकार पुलिस ने राजस्थान के जोधपुर से सकुशल बरामद कर लिया है। यह सफलता उस वक्त मिली, जब बच्ची के पिता के मोबाइल पर अचानक आधार कार्ड से जुड़ा ओटीपी आने लगा।

पुलिस के अनुसार, 2020 में एक महिला अपनी छोटी बेटी के साथ रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गई थी। परिजनों की शिकायत पर थाना सेक्टर-49 में गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया। कई महीनों तक तलाश के बावजूद जब कोई सुराग नहीं मिला, तो पुलिस ने 6 नवंबर 2022 को इस केस में ‘फाइनल रिपोर्ट’ (एफआर) लगाकर इसे बंद कर दिया।

इसी बीच दिल्ली में एक बच्ची का अज्ञात शव मिला, जिसकी शक्ल लापता बच्ची से काफी मिलती थी। कद-काठी भी एक जैसी थी। शक के आधार पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया और बिसरा संरक्षित कर जांच की, लेकिन डीएनए या अन्य पुष्टि न हो पाने के कारण 17 नवंबर 2022 को दोबारा एफआर लगाकर केस को पूरी तरह बंद कर दिया गया।

इसके बाद 23 अप्रैल को इस मामले में चौंकाने वाला मोड़ आया, जब बच्ची के पिता के मोबाइल पर बार-बार ओटीपी आने लगे। ये ओटीपी आधार कार्ड में मोबाइल नंबर अपडेट कराने के लिए थे। पिता का नंबर पहले से बेटी के आधार कार्ड से जुड़ा हुआ था, उन्हें शक हुआ और उन्होंने तुरंत थाना सेक्टर-49 पुलिस को इसकी सूचना दी।

पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आधार से जुड़े डाटा और संबंधित एजेंसी से संपर्क किया। जिस नंबर से ओटीपी के लिए रिक्वेस्ट की गई थी, उसे सर्विलांस पर डाला गया। लोकेशन ट्रेस करते हुए पता चला कि यह नंबर राजस्थान के जोधपुर के देवनगर इलाके में सक्रिय है। एक विशेष टीम गठित कर पुलिस ने जोधपुर में दबिश दी और 2 मई को मां-बेटी को बरामद कर लिया।

इसके बाद दोनों को अदालत में पेश कर नोएडा के सेक्टर-62 स्थित वन स्टॉप सेंटर में सुरक्षित रखा गया है। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर भी गाज गिरी है। जिस जांच अधिकारी (आईओ) ने मामले में जल्दबाजी दिखाते हुए फाइनल रिपोर्ट लगाई थी, उसके साथ-साथ तत्कालीन थाना प्रभारी, एसीपी और अन्य पर्यवेक्षण अधिकारियों की विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

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Created On :   6 May 2025 7:17 PM IST

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