राजनीति: फूले फिल्म समाज का आईना है और संघर्ष की गाथा वर्षा गायकवाड

फूले फिल्म समाज का आईना है और संघर्ष की गाथा वर्षा गायकवाड
मुंबई में कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड ने गुरुवार को महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित फिल्म "फूले" की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि समाज का आईना है और संघर्ष की गाथा है।

मुंबई, 15 मई (आईएएनएस)। मुंबई में कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड ने गुरुवार को महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित फिल्म "फूले" की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि समाज का आईना है और संघर्ष की गाथा है।

गायकवाड ने कहा कि महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले ने महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में सामाजिक उत्थान की मिसाल पेश की है। इस फिल्म के जरिए देश को उनके विचारों से एक बार फिर रूबरू होने का मौका मिलेगा। महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले की विरासत को आज की पीढ़ी तक पहुंचाना बेहद जरूरी है। यह मूवी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव द्वारा व्योमिका सिंह को लेकर की गई टिप्पणी पर गायकवाड ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह इन लोगों की मानसिकता को दर्शाता है। ये लोग महिला नेतृत्व को स्वीकार नहीं कर सकते। महिला नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए बहुत बड़ा दिल चाहिए। दुर्भाग्य है कि आज भी कुछ पार्टियों और विचारधाराओं में महिलाएं दूसरे दर्जे की मानी जाती हैं।

मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान को लेकर भी वर्षा गायकवाड ने भाजपा पर जुबानी हमला किया। उन्होंने कहा कि "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" सिर्फ एक नारा बनकर रह गया है। जब बेटियों को सुरक्षा और सम्मान की जरूरत होती है, तब यही लोग उन्हें अपमानित करते हैं। भाजपा और आरएसएस की सोच महिलाओं के प्रति हमेशा द्वेषपूर्ण रही है, चाहे वह मोहन भागवत हों या अन्य कोई नेता।

उन्होंने आगे कहा कि सोफिया कुरैशी एक सैन्य अधिकारी हैं जिनके परिवार की कई पीढ़ियों ने देश की सेवा की है। ऐसे व्यक्ति के लिए इस तरह की टिप्पणी बेहद शर्मनाक है। विजय शाह जैसे मंत्री पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

बिहार में राहुल गांधी के काफिले को रोके जाने की घटना पर गायकवाड ने कहा कि राहुल गांधी निडर नेता हैं। वह जनता की आवाज हैं और उनके लिए हजारों किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं। नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की सरकारें उन्हें रोकने का प्रयास कर सकती हैं, लेकिन राहुल गांधी रुकने वालों में से नहीं हैं। उन्होंने छात्रों से मिलकर अपनी प्रतिबद्धता फिर से साबित की है।

---आईएएनएस

पीएसके/डीएससी

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Created On :   15 May 2025 11:31 PM IST

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