रक्षा: आईएएनएस मैटराइज सर्वे ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सरकार और सेना पर बढ़ा जनता का विश्वास, सामने आए आंकड़े

नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया और पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। ऐसे में जब भारत पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत स्थिति में था, ठीक उसी वक्त सीजफायर की घोषणा कर दी गई। सरकार के सीजफायर के फैसले पर कई सवाल भी उठे। विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की, जबकि पाकिस्तान की तरफ से सोशल मीडिया में भारत की हार और पाकिस्तान की जीत का प्रोपगेंडा भी फैलाया गया। इन सबके बीच अब आईएएनएस मैटराइज सर्वे ने भारतीय सेना की पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई, सीजफायर का ऐलान और पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा पर देश की जनता की सोच को लेकर पोल किया है, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने हैं। जो बताते हैं कि विश्व पटल पर प्रधानमंत्री मोदी की धाक और भी बढ़ी है।
आईएएनएस मैटराइज ने ये सर्वे 9 मई 2025 से 15 मई 2025 तक के बीच किया है। इस सर्वे में कुल 7,463 लोगों की राय ली गई है, जिनमें पुरुष: 4,702 और महिला: 2,761 शामिल हैं। इस सर्वे में सभी राज्यों को शामिल किया गया है और इसमें गलती की संभावना (मार्जिन ऑफ एरर) +/- 3 प्रतिशत है।
आईएएनएस मैटराइज ने अपने सर्वे में लोगों से ये सवाल किया कि क्या भारत ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पाकिस्तान को सबक सिखाने में सफल रहा है?
इस सवाल पर 66 प्रतिशत लोगों ने 'हां' में इसका जवाब दिया, जबकि 18 प्रतिशत लोग मानते हैं कि 'कुछ हद तक सफल' रहा है। इसके अलावा, 9 प्रतिशत लोगों का कहना है कि बिल्कुल सफल नहीं रहा। वहीं, 7 प्रतिशत लोग 'पता नहीं/कह नहीं सकते' के बीच फंसे दिखाई दिए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद क्या आपको लगता है कि वर्तमान मोदी सरकार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम है?
इस सवाल पर 92 प्रतिशत लोगों ने माना है कि हां, पूरी तरह से सरकार सक्षम है, जबकि 1 प्रतिशत के अनुसार, कुछ हद तक सक्षम है। 4 प्रतिशत 'नहीं' में जवाब देते हैं और 3 प्रतिशत लोग स्पष्ट राय नहीं दे सके।
अगले सवाल में लोगों से पूछा गया कि भारत के लिए पाकिस्तान जैसी न्यूक्लियर सशक्त देश के अंदर घुसकर हमला करना सदी की बड़ी उपलब्धि रही है?
72 प्रतिशत लोगों ने 'हां' जवाब देते हुए इसे बड़ी उपलब्धि बताया है। 9 प्रतिशत लोग कुछ हद तक मानते हैं, जबकि 12 प्रतिशत लोग कहते हैं कि ये बड़ी उपलब्धि नहीं है। साथ ही 7 प्रतिशत लोग पता नहीं/कह नहीं सकते में जवाब दिया।
क्या भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर कवच को भेदने में सफल रहा है?
इस सवाल का 78 प्रतिशत लोगों ने 'हां' में जवाब दिया है। उनका मानना है कि भारत पाकिस्तान के न्यूक्लियर कवच को भेदने में पूरी तरह से सफल रहा है। इसके अलावा, 18 प्रतिशत लोग मानते हैं कि कुछ हद तक सफल रहा, जबकि 4 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सफल नहीं रहा है।
क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की वजह से विश्व में भारत की छवि और मजबूत हुई है?
73 प्रतिशत लोगों ने हां में जवाब दिया और कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से भारत की छवि मजबूत हुई है। 16 प्रतिशत लोगों को लगता है कि कुछ हद तक मजबूत हुई है, जबकि 19 प्रतिशत लोगों के मुताबिक, छवि पर कोई असर नहीं पड़ा है। वहीं, 2 प्रतिशत लोग पता नहीं/कह नहीं सकते के बीच फंसे नजर आए।
क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी की छवि दुनिया में और मजबूत हुई है?
69 प्रतिशत ने 'हां' में इसका जवाब दिया है और कहा कि हां पीएम मोदी की छवि मजबूत हुई है। 26 प्रतिशत का कहना है कि नहीं, छवि पहले जैसी ही है, जबकि 5 प्रतिशत 'पता नहीं या कह नहीं सकते' की स्थिति में थे।
आपके अनुसार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी की लोकप्रियता पर क्या असर हुआ है?
74 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि लोकप्रियता बढ़ी है। 11 प्रतिशत का मानना है कि लोकप्रियता में कोई असर नहीं हुआ, जबकि 10 प्रतिशत मानते हैं कि लोकप्रियता में कमी आई है। इसके अलावा, 5 प्रतिशत लोग पता नहीं या कह नहीं सकते की स्थिति में थे।
क्या विपक्ष के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर उठाए गए सवाल सही हैं?
27 प्रतिशत लोगों ने 'हां' में जवाब दिया और विपक्ष के सवालों को सही ठहराया। 9 प्रतिशत कुछ हद तक सही मानते हैं, जबकि 57 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सवाल उठाना ठीक नहीं है। साथ ही 7 प्रतिशत पता नहीं या कह नहीं सकते के साथ रहे।
क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाने की विपक्ष की मांग सही है?
33 प्रतिशत ने 'हां' में जवाब दिया और 8 प्रतिशत लोगों ने कुछ हद तक सही बताया। इसके अलावा, 45 प्रतिशत ने विपक्ष की मांग को सही नहीं बताया, जबकि 3 प्रतिशत लोग पता नहीं या कह नहीं सकते के साथ रहे।
क्या विपक्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम पर राजनीति कर रहा है?
57 प्रतिशत लोगों ने 'हां' में इसका जवाब दिया, जबकि 14 प्रतिशत लोगों ने कुछ हद तक सही बताया। 26 प्रतिशत लोग 'नहीं' के साथ हैं और 3 प्रतिशत 'पता नहीं या कह नहीं सकते' के साथ दिखाई दिए।
आपके अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी में से कौन सा नेता अधिक सशक्त फैसले लेने में सक्षम रहा है?
इस सवाल पर 42 प्रतिशत लोगों की राय प्रधानमंत्री मोदी के साथ है, जबकि 29 प्रतिशत लोग पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ दिखाई दिए। साथ ही, 17 प्रतिशत लोग मानते हैं कि दोनों ही सशक्त फैसले लेने में सक्षम रहे हैं। 5 प्रतिशत को लगता है कि कोई भी सशक्त फैसला लेने में सक्षम नहीं रहा है, जबकि 7 प्रतिशत को लगता है कि पता नहीं या कह नहीं सकते।
आपके अनुसार, क्या वर्तमान सरकार अब तक का सबसे कड़ा फैसला लेने वाली सरकार रही है?
79 प्रतिशत लोग 'हां' में इसका जवाब देते हैं और 16 प्रतिशत 'नहीं' में जवाब देते हैं और 5 प्रतिशत लोगों को लगता है कि 'पता नहीं या कह नहीं सकते।'
क्या भारत को युद्ध के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए?
66 प्रतिशत लोगों का कहना है कि हां, पूरी तरह से दबाव बनाना चाहिए, जबकि 22 प्रतिशत नहीं मानते हैं। वहीं, 12 प्रतिशत पता नहीं या कह नहीं सकते मानते हैं।
क्या पाकिस्तान पर किए गए स्ट्राइक का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रखना सही है?
76 प्रतिशत कहते हैं कि हां, नाम ठीक है, जबकि 12 प्रतिशत नहीं में जवाब देते हैं और 12 प्रतिशत को लगता है कि पता नहीं या कह नहीं सकते।
क्या इस कार्रवाई के बाद भारतीय सेना और सरकार पर आम जनता का भरोसा और बढ़ेगा? 84 प्रतिशत लोग हां में जवाब देते हैं। उनका मानना है कि इससे भरोसा बढ़ेगा, जबकि 6 प्रतिशत लोग कहते हैं कि कुछ हद तक बढ़ेगा। 2 प्रतिशत लोग 'नहीं' में जवाब देते हैं और 8 प्रतिशत का जवाब 'पता नहीं या कह नहीं सकते' था।
आपको क्या लगता है कि देश का कौन सा नेता पाकिस्तान को सबक सिखाने में सबसे सक्षम है?
इस सवाल पर 70 प्रतिशत लोग पीएम नरेंद्र मोदी के पक्ष में दिखाई दिए, जबकि 5 प्रतिशत लोग राहुल गांधी के साथ हैं। इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल को 2 प्रतिशत, अखिलेश यादव को 3 प्रतिशत, ममता बनर्जी को 2 प्रतिशत, एम.के. स्टालिन को 1 प्रतिशत, नीतीश कुमार को 1 प्रतिशत, तेजस्वी यादव को 1 प्रतिशत, मल्लिकार्जुन खड़गे को 1 प्रतिशत, असदुद्दीन ओवैसी को 4 प्रतिशत, नवीन पटनायक को 1 प्रतिशत, अन्य को 1 प्रतिशत और पता नहीं या कह नहीं सकते के साथ 8 प्रतिशत लोग रहे।
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Created On :   19 May 2025 3:17 PM IST