राजनीति: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पर करारा प्रहार, सुकमा जिले के दो गांव हुए नक्सलमुक्त

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पर करारा प्रहार, सुकमा जिले के दो गांव हुए नक्सलमुक्त
छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कभी नक्सलवाद का गढ़ माने जाने वाले सुकमा जिले के दो गांव, केरलापेंडा और बोडेसेट्टी अब पूरी तरह नक्सलमुक्त हो गए हैं।

सुकमा, 2 जून (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कभी नक्सलवाद का गढ़ माने जाने वाले सुकमा जिले के दो गांव, केरलापेंडा और बोडेसेट्टी अब पूरी तरह नक्सलमुक्त हो गए हैं।

इस उपलब्धि के साथ सरकार ने इन गांवों के विकास के लिए व्यापक योजनाएं शुरू की हैं। इनमें प्रत्येक गांव को एक-एक करोड़ रुपए का विकास अनुदान, पक्की सड़कें, बिजली, पानी, शिक्षा और रोजगार के अवसर शामिल हैं। यह कदम न केवल नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक बड़ी जीत है, बल्कि क्षेत्र में शांति और समृद्धि की नई शुरुआत भी है।

केरलापेंडा गांव, जो पहले नक्सलवाद के प्रभाव के कारण पूरी तरह अलग-थलग था, अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ गया है। इस गांव में अब 500 से अधिक लोग निवास करते हैं, और यहां पक्की सड़कें, बिजली, स्वच्छ पेयजल और शिक्षा की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि पहले नक्सली गतिविधियों के कारण गांव में डर का माहौल था, जिसके चलते लोग बाहर निकलने से भी कतराते थे। लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता और सरकार की प्रभावी रणनीतियों के कारण अब गांव में शांति स्थापित हो चुकी है। सरकार ने यहां रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें कौशल विकास कार्यक्रम और स्थानीय संसाधनों पर आधारित छोटे उद्योग शामिल हैं।

इसी तरह, बोडेसेट्टी गांव भी नक्सलवाद के साये से मुक्त होकर नई रोशनी की ओर बढ़ रहा है। इस गांव में 300 से अधिक लोग रहते हैं, और अब यहां भी बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, बिजली और पानी उपलब्ध हैं। पहले नक्सली गतिविधियों के कारण लोग भय के माहौल में जीते थे, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। सरकार की विकास योजनाओं ने न केवल गांव वालों का विश्वास जीता है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कदम उठाए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण पहल की गई हैं, जिसमें बच्चों के लिए स्कूल और वयस्कों के लिए साक्षरता कार्यक्रम शुरू किए गए हैं।

एसपी सुकमा किरण चौहान ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुकमा ऐसा पहला जिला है, जहां दो पंचायतें नक्सल मुक्त हुई हैं। केरलापेंडा और बोडेसेट्टी गांव को नक्सल मुक्त घोषित किया गया है। जिन नौ नक्सलियों ने केरलापेंडा गांव में आज आत्मसमर्पण किया है, उन्हें शासन की ओर से एक करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। मेरा मानना है कि इससे राज्य में विकास का रास्ता खुलेगा। इन गांवों के नक्सलमुक्त होने से न केवल स्थानीय लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि यह अन्य प्रभावित क्षेत्रों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा।

एक अन्य घटनाक्रम में सुकमा जिले में एक महिला समेत 16 नक्सलियों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। किरण चौहान ने बताया, "सुकमा जिले में पुलिस और सीआरपीएफ ने नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके परिणामस्वरूप आज 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इन 16 नक्सलियों पर कुल 25 लाख रुपए का इनाम था। इनमें बटालियन और अन्य डिवीजनों के नक्सली शामिल थे, जिनमें ओडिशा के कुछ नक्सली भी शामिल थे।"

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Created On :   2 Jun 2025 4:56 PM IST

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