राजनीति: अगर मायावती का पोस्ट मेरे लिए हुआ तो समाज में बहुत गुस्सा पैदा होगा चंद्रशेखर

अगर मायावती का पोस्ट मेरे लिए हुआ तो समाज में बहुत गुस्सा पैदा होगा  चंद्रशेखर
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के हालिया सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सोमवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर मायावती का पोस्ट उनके बारे में है, तो समाज में बहुत गुस्सा पैदा होगा।

लखनऊ, 2 जून (आईएएनएस)। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के हालिया सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सोमवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर मायावती का पोस्ट उनके बारे में है, तो समाज में बहुत गुस्सा पैदा होगा।

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा था, "कांग्रेस, भाजपा और सपा (समाजवादी पार्टी) आदि के सहारे और इशारे पर चलकर बहुजनों की एकता तथा बसपा को कमजोर करने वाले बरसाती मेंढकों जैसे संगठन और दलों के नेता चाहे निजी स्वार्थ में विधायक, सांसद या मंत्री क्यों न बन जाएं, उनसे समाज का कुछ भला होने वाला नहीं। लोग सावधान रहें।"

चंद्रशेखर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए मायावती के पोस्ट पर कहा, "मीडिया के लोगों ने मुझसे पूछा है कि 'क्या मायावती की टिप्पणी आपके लिए है?' मैं अंत तक यह बात स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं कि मायावती अपने ही समाज के बच्चों के लिए ऐसी टिप्पणी कर सकती हैं। दूसरी बात, अगर मीडिया के जरिए समाज में यह बात जाएगी तो इससे भी समाज में बहुत गुस्सा पैदा होगा क्योंकि समाज में मुझे संघर्ष करते हुए देखा है। मैं आज उसी कमजोर, वंचित समाज के आशीर्वाद से संसद का सदस्य हूं। अगर उनका आशीर्वाद नहीं होता तो मैं आज सांसद नहीं होता, क्योंकि मेरे पास पैसे नहीं थे। मैं प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर का बेटा हूं।"

उन्होंने कहा, "हम राजनीतिक लोग नहीं थे, सिर्फ मिशन का काम करने आए थे और समाज के लोगों ने आशीर्वाद देकर हमें ताकत दी। हमसे ज्यादा गरीब, दलित और मुसलमानों के लिए कोई नहीं बोलता। किसी भी जाति-धर्म के साथ हुए अन्याय के लिए मैं अपना राजनीतिक धर्म निभाने की कोशिश करता हूं।"

चंद्रशेखर ने कहा, "जहां तक निजी स्वार्थ की बात है, वह यह है कि बाबा साहेब अंबेडकर और कांशीराम जी का अधूरा सपना पूरा किया जाए। इस निजी स्वार्थ को लेकर मैं काम करता रहूंगा, चाहे कोई कुछ भी कहे। यह वह देश है, जहां भीमराव अंबेडकर के समर्पण को गाली दी गई। वह जिस समाज के हक के लिए लड़ रहे थे, उन पर कई तरह के आरोप लगाए गए। कांशीराम लड़ रहे थे, तो उन पर आरोप लगाए गए। आज हम उनके आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं। इसलिए हम पर आरोप लगाए जा रहे हैं और हम इस आरोप को सहने के लिए तैयार हैं। जब सूरज निकलता है तो बहुत सारे लोग उसको बुरा-भला कहते हैं, कई लोग चाहते हैं कि वह न निकले। लेकिन इससे सूरज को कोई फर्क नहीं पड़ता। बहन जी हमारी नेता हैं और हमेशा सम्माननीय हैं।"

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Created On :   2 Jun 2025 6:33 PM IST

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