अंतरराष्ट्रीय: नई दिल्ली में शुरू हुई चौथी भारत-मध्य एशिया वार्ता, मंत्री जयशंकर ने किया पांच देशों के विदेश मंत्रियों का स्वागत

नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर ने शुक्रवार को नई दिल्ली में चौथी भारत-मध्य एशिया वार्ता के लिए कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के विदेश मंत्रियों का स्वागत किया।
भारत पूरे क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी और कट्टरपंथ विरोधी साझेदारी को बढ़ाने में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "चौथी भारत-मध्य एशिया वार्ता दिल्ली में शुरू हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मूरत नर्टलेउ, ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजिद्दीन मुहरिद्दीन, तुर्कमेनिस्तान के मंत्रियों के कैबिनेट उपाध्यक्ष और विदेश मंत्री राशिद मेरेदोव, किर्गिस्तान के विदेश मंत्री झीनबेक कुलुबाएव और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री बख्तियार सैदोव का गर्मजोशी से स्वागत किया।"
विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पांच मध्य एशियाई विदेश मंत्रियों की मेजबानी करते हुए लिखा, "चौथी भारत-मध्य एशिया वार्ता की शुरुआत में मध्य एशियाई सहयोगियों के साथ।"
शुक्रवार को भारत-मध्य एशिया वार्ता में हिस्सा लेने के बाद सेंट्रल एशियन मिनिस्टर अपनी भारत यात्रा खत्म करने से पहले शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
शुक्रवार को वार्ता के चौथे संस्करण के दौरान, मंत्री भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। इसमें व्यापार, कनेक्टिविटी, प्रौद्योगिकी और विकास सहयोग पर खास ध्यान दिया जाएगा। वह क्षेत्रीय सुरक्षा की चुनौतियों और आपसी हितों के अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी अपने विचार साझा करेंगे।
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, "भारत और मध्य एशिया, एक-दूसरे के 'विस्तारित पड़ोस' में सदियों पुरानी संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान द्वारा समर्थित घनिष्ठ और सौहार्दपूर्ण समकालीन राजनयिक संबंधों का आनंद लेते हैं। जनवरी 2022 में वर्चुअल रूप से आयोजित पहला भारत-मध्य शिखर सम्मेलन और विदेश मंत्रियों के स्तर पर भारत-मध्य एशिया वार्ता के तंत्र ने इस संबंध को काफी हद तक आगे बढ़ाया है।"
इससे पहले गुरुवार को मध्य एशियाई विदेश मंत्रियों ने भारत-मध्य एशिया व्यापार परिषद में हिस्सा लिया।
राष्ट्रीय राजधानी में बिजनेस काउंसिल की बैठक को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत-मध्य एशिया व्यापार परिषद से व्यापार, अर्थव्यवस्था और निवेश में भारत-मध्य एशिया संबंधों को और गहरा करने के लिए एक रोडमैप की सिफारिश करने का आग्रह किया। उन्होंने आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए तीन व्यापक उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
विदेश मंत्री ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "आज शाम इंडिया-सेंट्रल एशिया बिजनेस काउंसिल में मध्य एशिया के अपने साथी विदेश मंत्रियों के साथ शामिल होकर खुशी हुई। परिवर्तनशील दुनिया में, हमारी आर्थिक साझेदारी के तीन मुख्य उद्देश्य- मौजूदा सहयोग को गहरा करना, हमारे ट्रेड बास्केट में विविधता लाना और हमारे आर्थिक संबंधों में स्थिरता लाना है। इन्हें हासिल करने के लिए डिजिटल इकोनॉमी और इनोवेशन, फाइनेंशियल सर्विसेज, हेल्थकेयर और फार्मा, कनेक्टिविटी और स्ट्रीमलाइनड ट्रांजिट को समाधान के रूप में चिन्हित किया गया।"
जनवरी 2019 में समरकंद में शुरू की गई भारत-मध्य एशिया वार्ता, भारत और मध्य एशिया के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच का काम करती है।
दूसरी बैठक अक्टूबर 2020 में वर्चुअल रूप से हुई और रीजनल सिक्योरिटी, आतंकवाद विरोधी और बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित थी। तीसरी बैठक दिसंबर 2021 में नई दिल्ली में हुई, जिसमें भारत और मध्य एशिया के बीच संबंधों को और गहरा करने के लिए कनेक्टिविटी पर जोर दिया गया।
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|
Created On :   6 Jun 2025 1:09 PM IST