राजनीति: 'भारत के पास पीओके पर नियंत्रण करने का था मौका', ऑपरेशन सिंदूर पर बोली ममता बनर्जी

कोलकाता, 10 जून (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की तथा जवाबी कार्रवाई के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की प्रशंसा की।
इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि दोनों देशों के बीच हाल ही में हुई सैन्य झड़प के दौरान भारत के पास पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर नियंत्रण करने का अवसर था।
राज्य विधानसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि केंद्र सरकार देश के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है।
उन्होंने पूछा, "यह कायराना हमला हमारे नागरिकों की सुरक्षा करने में केंद्र की विफलता को उजागर करता है। जबकि हमारे जवानों ने बेजोड़ बहादुरी दिखाई, केंद्र बार-बार हो रही सुरक्षा चूक के बारे में क्या कर रहा है?"
ममता ने अपने भाषण में आतंकवाद को लेकर स्पष्ट रुख अपनाया। उन्होंने कहा, "हम आतंक का समर्थन नहीं करते। आतंक का कोई जाति, समुदाय या धर्म नहीं होता। आतंक तो आतंक ही होता है। पहलगाम हमले के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। हम अपने जवानों से लेकर इस भीषण हमले में जान गंवाने वालों तक सभी को श्रद्धांजलि देते हैं। मैं उन स्थानीय मुस्लिमों को भी सलाम करती हूं जिन्होंने हिंदुओं को बचाने के लिए हमलावरों से लड़ाई लड़ी। हम अपने सशस्त्र बलों की बहादुरी को सलाम करते हैं। आतंकवादियों को सबक सिखाने की जरूरत है। "
ममता बनर्जी ने भारत के कूटनीतिक रुख पर भी टिप्पणी करते हुए कहा, "मुझे नहीं पता कि हमारी अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में कोई समस्या है या नहीं, पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर घिरे रहने के बजाय आईएमएफ से ऋण मिला।"
इस दौरान बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने ममता के भाषण पर आपत्ति जताई, जिसके जवाब में ममता ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने अग्निमित्रा पॉल पर निशाना साधते हुए कहा, "आप हाल ही में राजनीति में आई हैं। हमें राजनीति न सिखाएं। आप फैशन के बारे में समझती हैं, उस पर बोलें, लेकिन राजनीति पर नहीं।" सीएम बनर्जी का यह बयान विधानसभा में तनाव का कारण बन गया और बीजेपी के सदस्यों ने इसका विरोध किया।
सीएम ममता बनर्जी ने अपने संबोधन के दौरान विशेष सत्र की मांग को दोहराया और कहा कि इस तरह के मुद्दों पर राजनीति से ऊपर उठकर चर्चा होनी चाहिए। हमारी विधानसभा ने जवानों के सम्मान में यह कदम उठाया है, और यह एक मिसाल है। यह विधानसभा एकमात्र निर्वाचित निकाय है, जहां जवानों के सम्मान में ऐसा प्रस्ताव पेश किया गया। मेरा मानना है कि इस तरह के प्रस्ताव देश के सभी विधानसभाओं में और संसद में पारित होना चाहिए।
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Created On :   10 Jun 2025 8:01 PM IST