राष्ट्रीय: भाजपा कार्यकर्ताओं के डीएनए में परिश्रम और जनता की सेवा राजनाथ सिंह

भाजपा कार्यकर्ताओं के डीएनए में परिश्रम और जनता की सेवा  राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि परिश्रम और जनता की सेवा भाजपा के कार्यकर्ताओं के डीएनए में है। मध्य प्रदेश की पर्यटन नगरी पचमढ़ी में राज्य के भाजपा सांसदों और विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग के समापन के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी सांसद और विधायक हमेशा संगठन से जुड़े रहें, क्योंकि संगठन तब भी था, जब सत्ता नहीं थी।

पचमढ़ी, 16 जून (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि परिश्रम और जनता की सेवा भाजपा के कार्यकर्ताओं के डीएनए में है। मध्य प्रदेश की पर्यटन नगरी पचमढ़ी में राज्य के भाजपा सांसदों और विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग के समापन के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी सांसद और विधायक हमेशा संगठन से जुड़े रहें, क्योंकि संगठन तब भी था, जब सत्ता नहीं थी।

उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को सम्मान दें और उनकी बातें सुनें, क्योंकि भाजपा की असली ताकत जनता का भरोसा और कार्यकर्ताओं का परिश्रम ही है। जनता की सेवा हमारे डीएनए में है, हम जनसेवक हैं, शासक नहीं हैं। जनता का भरोसा और कार्यकर्ताओं का परिश्रम ही भाजपा की असली ताकत है। हमारा उद्देश्य सत्ता प्राप्ति नहीं, जनता की सेवा है, इसलिए हमने अपने विचारों से कभी समझौता नहीं किया। हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में प्रशिक्षण की परंपरा सतत और प्राचीन है। यह पार्टी की कार्यशैली का अंग है। पार्टी की विकास यात्रा में तीन चीजें नहीं बदलीं। ये हैं प्रशिक्षण, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और गरीब कल्याण की भावना। अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि सत्ता प्राप्ति का उद्देश्य सिर्फ राष्ट्रसेवा होनी चाहिए। हमारी जिस वैचारिक यात्रा का शुभारंभ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने किया था, वह आज भी जारी है और हमारे लिए राजनीति राष्ट्रनिर्माण का सशक्त माध्यम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी यह यात्रा आज भी चल रही है और भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। लेकिन, हमने अपनी विचारधारा और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। हमारी नीयत और नीतियां आज भी वही हैं। हम अपने मूल विचार से भटके नहीं हैं।

उन्होंने संगठन की ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि हमें यह लगातार चिंतन करना होगा कि संगठन कैसे मजबूत हो, संवाद कैसे गहरा हो, हमारी विचारधारा और पारदर्शिता को कैसे बनाए रखा जाए। शालीनता, विनम्रता और दृढ़ता के साथ राजनीति करें और याद रखें कि हम सिर्फ कानून बनाने या बदलने वाले नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी बदलने वाले हैं। आपको जो पद मिला है, वह वास्तव में बड़ी जिम्मेदारी है, जनसेवा के लिए है। वह भारत को शक्तिशाली, विकसित और समावेशी राष्ट्र बनाने के लिए है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि 'विकसित भारत' हमारा लक्ष्य नहीं, बल्कि संकल्प है। भारत को आत्मनिर्भर, समावेशी और गौरवशाली राष्ट्र बनाने में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है। देश आज सुरक्षित है और सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हमारी अर्थव्यवस्था 11वें स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंचने जा रही है और यह बात सिर्फ आंकड़ों की नहीं है, बल्कि बदलाव जमीन पर दिखाई देता है। देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। रक्षा क्षेत्र में अब हम एक निर्यातक देश के रूप में उभर रहे हैं। भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने में कोई समझौता नहीं करेगा, हमने यह 'ऑपरेशन सिंदूर' में भी देखा है।

कार्यशाला के समापन के अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि चरित्र, मूल्यों और क्षमताओं का विकास करके राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दिया जा सकता है।

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Created On :   16 Jun 2025 9:34 PM IST

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