स्वास्थ्य/चिकित्सा: ब्लड शुगर कंट्रोल से लेकर मांसपेशियों की मजबूती तक, नौकासन है असरदार

ब्लड शुगर कंट्रोल से लेकर मांसपेशियों की मजबूती तक, नौकासन है असरदार
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने शरीर और सेहत को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। जंक फूड, देर रात तक जागना और तनाव भरी दिनचर्या से बीमारियां धीरे-धीरे घर करने लगती हैं। ऐसे में योग एक प्राकृतिक समाधान है, जो न सिर्फ शरीर को संतुलित करता है, बल्कि मन को भी सुकून देता है। नौकासन एक ऐसा योगासन है, जिसका रोजाना कुछ मिनट अभ्यास करने से शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है। नौकासन शब्द दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें 'नौका' का मतलब 'नाव' है और 'आसन' का अर्थ है मुद्रा। इस योगासन के अभ्यास में आपका शरीर नाव की आकृति जैसा बनता है। पेट की चर्बी कम करने से लेकर रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने तक इस योगासन के अनेक फायदे हैं।

नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने शरीर और सेहत को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। जंक फूड, देर रात तक जागना और तनाव भरी दिनचर्या से बीमारियां धीरे-धीरे घर करने लगती हैं। ऐसे में योग एक प्राकृतिक समाधान है, जो न सिर्फ शरीर को संतुलित करता है, बल्कि मन को भी सुकून देता है। नौकासन एक ऐसा योगासन है, जिसका रोजाना कुछ मिनट अभ्यास करने से शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है। नौकासन शब्द दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें 'नौका' का मतलब 'नाव' है और 'आसन' का अर्थ है मुद्रा। इस योगासन के अभ्यास में आपका शरीर नाव की आकृति जैसा बनता है। पेट की चर्बी कम करने से लेकर रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने तक इस योगासन के अनेक फायदे हैं।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, नौकासन एक प्रभावी योगासन है, जो शरीर को मजबूत और संतुलित बनाने में मदद करता है। इसे करते समय पेट, पीठ और जांघों की मांसपेशियों पर सीधा असर पड़ता है, जिससे शरीर की चर्बी कम होती है। यही नहीं, रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने में भी यह सहायक होता है। यह आसन न सिर्फ शारीरिक ताकत बढ़ाता है, बल्कि मानसिक एकाग्रता और संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है।

नौकासन का अभ्यास पाचन तंत्र को सक्रिय करने में मदद करता है। यह योगासन पेट की मांसपेशियों पर बल डालता है, जिससे पाचन अंगों में हल्का दबाव पड़ता है और वह अधिक सक्रिय हो जाते हैं। इससे खाना ठीक से पचता है और गैस, कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं। जब पाचन क्रिया बेहतर होती है, तो शरीर की ऊर्जा भी बढ़ने लगती है।

यह योगासन स्थिरता बढ़ाने में मददगार है। इसे करते समय पूरे शरीर को नाव की आकृति में संतुलित करना पड़ता है, जिससे शरीर की पकड़ और नियंत्रण बेहतर होता है। यह अभ्यास हमारी एकाग्रता को भी बढ़ाता है, क्योंकि शरीर को कुछ समय तक उसी स्थिति में स्थिर रखना होता है। रोजाना इसका अभ्यास करने से न केवल शरीर मजबूत होता है, बल्कि मानसिक स्थिरता और आत्मविश्वास में भी सुधार आता है।

वहीं, यह निचले शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने का एक सरल तरीका है। इस आसन को करते समय जांघों, पिंडलियों और पेट के निचले हिस्से पर खिंचाव पड़ता है, जिससे इन हिस्सों की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और धीरे-धीरे मजबूत बनती हैं। यह योगासन खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो पैरों की कमजोरी या थकान से परेशान रहते हैं।

नौकासन न सिर्फ शरीर को मजबूत बनाता है, बल्कि डायबिटीज जैसी बीमारी से लड़ने में भी मददगार होता है। इस आसन को करते समय पेट की मांसपेशियां खिंचती हैं और आंतरिक अंग सक्रिय हो जाते हैं, खासतौर पर अग्न्याशय। इससे इंसुलिन का प्रवाह सुधरता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में सहायक है। इसके अलावा यह योगासन ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, जिससे शरीर को ताजगी और ऊर्जा मिलती है।

नौकासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल सीधे लेट जाएं और अपने दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें। हाथों को शरीर के बगल में सीधा रखें। अब एक गहरी सांस लें, और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने पैरों और सीने को ऊपर उठाएं। साथ ही, हाथों को आगे की तरफ खींचें ताकि वे पैरों की ओर बढ़ें। इस दौरान आपकी नजरें पैरों पर होनी चाहिए, वहीं हाथ और पैर एक सीध में दिखाई दें। पेट की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस करें और कुछ देर इसी स्थिति में रहें। फिर धीरे-धीरे वापस पहली जैसी स्थिति में आ जाएं।

आयुष मंत्रालय ने दिल की कोई गंभीर बीमारी या अस्थमा से जूझ रहे लोगों को नौकासन न करने की सलाह दी है। साथ ही अगर आपको माइग्रेन, तेज सिरदर्द या लो ब्लड प्रेशर है, तो आप इसका अभ्यास न करें, क्योंकि इससे तकलीफ और बढ़ सकती है। गर्भावस्था के दौरान नौकासन से परहेज करना चाहिए, क्योंकि यह पेट पर दबाव डालता है।

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Created On :   20 Jun 2025 9:27 AM IST

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