स्वास्थ्य/चिकित्सा: विक्रमशिला योग व ध्यान स्थल पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाकर दिया स्वस्थ रहने का संदेश

विक्रमशिला योग व ध्यान स्थल पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाकर दिया स्वस्थ रहने का संदेश
देशभर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इस बार "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" थीम रखा गई है। भारत के सभी राज्यों में लोगों ने बड़ी संख्‍या में भाग लिया। इसी क्रम में बिहार के भागलपुर स्थित कहलगांव के विक्रमशिला योग व ध्यान स्थल पर भी योग दिवस मनाया गया।

नई दिल्‍ली, 21 जून (आईएएनएस)। देशभर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इस बार "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" थीम रखा गई है। भारत के सभी राज्यों में लोगों ने बड़ी संख्‍या में भाग लिया। इसी क्रम में बिहार के भागलपुर स्थित कहलगांव के विक्रमशिला योग व ध्यान स्थल पर भी योग दिवस मनाया गया।

योग अभ्यास के दौरान लोगों ने योग कर निरोग रहने का संदेश दिया। समाजसेवी चंदन ने कहा कि स्‍वस्‍थ तन के लिए स्‍वस्‍थ मन का होना जरूरी है और स्‍वस्‍थ मन के लिए योग आवश्‍यक है।

कहलगांव निवासी और समाजसेवी चंदन चंद्राकर ने आईएएनएस को बताया कि कई सौ साल पहले यह जगह ध्‍यान योग का केंद्र रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युनाइटेड नेशन (यूएन) में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आह्वान किया था। अब उसके 11 साल पूरा हो रहे है। बुद्ध की धरती पर योग दिवस का आयोजन हुआ है। कहलगांव में इस आयोजन के जरिए हम वैश्विक पटल पर शांति का संदेश देना चाह रहे हैं। योग से शरीर निरोग रहता है। हर इंसान को स्‍वस्‍थ रहने के लिए एक घंटे योग करना चाहिए।

चंदन चंद्राकर ने कहा कि भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को अपने लिए समय निकालना चाहिए। अगर तन स्‍वस्‍थ रहेगा तभी काम में मन लगेगा।

समाजसेवी चंदन चंद्राकर ने बताया कि आठवीं सदी में पालकालीन राजा धर्मपाल ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। तब योग के साथ-साथ अन्य शास्त्रों की भी पढ़ाई होती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विक्रमशिला सेंट्रल यूनिवर्सिटी की घोषणा की है, तो इस महाविहार का दिन बहुरने वाला है। इसी जगह पर योग का अभ्यास करने से एक संदेश जा रहा है। कभी सैकड़ों साल पहले, हजारों छात्र जब पढ़ाई और योग-ध्यान कर अध्ययन करते थे, तब यहां का माहौल कैसा रहा होगा, उसका सहज अंदाज लगाया जा सकता है।

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Created On :   21 Jun 2025 12:52 PM IST

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