राजनीति: कांग्रेस पार्टी की हताशा को दर्शाता है आरएसएस पर बैन लगाने की मांग करना नलिन कोहली

कांग्रेस पार्टी की हताशा को दर्शाता है आरएसएस पर बैन लगाने की मांग करना  नलिन कोहली
कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा ने प्रियांक खड़गे के बयान की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस के पास उठाने के लिए कोई ठोस राजनीतिक मुद्दा नहीं है। उनका ये बयान कांग्रेस पार्टी की हताशा को दर्शाता है।

गुवाहाटी, 1 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा ने प्रियांक खड़गे के बयान की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस के पास उठाने के लिए कोई ठोस राजनीतिक मुद्दा नहीं है। उनका ये बयान कांग्रेस पार्टी की हताशा को दर्शाता है।

भाजपा नेता नलिन कोहली ने कहा, "यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बयान है, जो कांग्रेस पार्टी की हताशा को दर्शाता है। कांग्रेस का एक वरिष्ठ नेता आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है और उसकी तुलना आतंकवादी संगठन से कर रहा है। यह तुलना किस आधार पर की जा रही है? यह वही आधारहीन राजनीति है, जो कांग्रेस लगातार करती आ रही है। इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेस के पास उठाने के लिए कोई ठोस राजनीतिक मुद्दा नहीं है और वे कर्नाटक की राजनीति से ध्यान हटाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।"

हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे ने ‘आरएसएस’ पर बैन लगाने की मांग की थी।

प्रियांक खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था, "विश्वास कीजिए, जिस दिन मुझे पर्याप्त शक्ति मिलेगी, मैं आरएसएस की जहरीली, राष्ट्र-विरोधी मशीनरी को नष्ट करने के लिए हर संवैधानिक टूल का इस्तेमाल करूंगा।"

मंगलवार को उन्होंने अपने बयान पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा था, "आरएसएस को संविधान से एलर्जी है। जब बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा में इसका (संविधान) प्रस्ताव रखा, तब से उन्हें इससे दिक्कत है। आरएसएस को मनुस्मृति से प्यार है। संविधान में अगर कोई संशोधन आएगा भी तो वह सिर्फ आर्थिक होगा। सामाजिक सशक्तीकरण की बात होगी, न कि देश को बांटने के लिए कोई संशोधन किया जाएगा। क्या हम एक सोशलिस्ट देश नहीं हैं? क्या हम एक सेक्युलर देश नहीं हैं, तो वो इसके खिलाफ क्यों हैं? क्योंकि ये आरएसएस का एजेंडा है, वन नेशन वन रिलीजन। आरएसएस पहले भी बैन हुआ था, ये प्रतिबंध हटाना हमारी गलती थी।"

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Created On :   1 July 2025 7:54 PM IST

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