राजनीति: जीतू पटवारी बंद करे नौटंकी, व्यक्ति का अपमान करने के लिए मांगें माफी विश्वास सारंग

मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को प्रदर्शन करना है तो चुपचाप करे, वे यह नाटक नौटंकी क्यों कर रहे हैं?

भोपाल, 8 जुलाई (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को प्रदर्शन करना है तो चुपचाप करे, वे यह नाटक नौटंकी क्यों कर रहे हैं?

मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर अशोकनगर के मुंगावली थाने में एक व्यक्ति को गलतबयानी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले का जिक्र करते हुए विश्वास सारंग ने कहा, "कांग्रेस चोरी और फिर सीनाजोरी की कहावत को सही साबित कर रही है। एक तरफ उन्होंने अपनी राजनीति को चमकाने के लिए संविधान का माखौल उठाया और दूसरी तरफ उन्होंने एक भोले-भाले व्यक्ति का अपमान किया। उसने खुद कहा है कि उसे बाइक का लालच देकर इस तरह की बयानबाजी कराई गई।"

उन्होंने कहा, "जीतू पटवारी ने उस व्यक्ति के मान का हनन किया और अब वे इस मुद्दे को लेकर शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर वे संविधान के पालन की बात करते हैं तो उन्हें चुपचाप जाकर गिरफ्तारी देनी चाहिए। मैं पूछता हूं कि वे यह नौटंकी क्यों कर रहे हैं? उन्हें सार्वजनिक रूप से उस व्यक्ति से माफी मांगनी चाहिए, जिसके मान को ठेस पहुंचाई गई। इससे बड़ा अपमान उसका नहीं हो सकता है।"

मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस के सरकार में आने के दावे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "वे कहते हैं कि कुछ दिनों बाद हमारी सरकार आ जाएगी और यही दावा कमलनाथ ने भी किया था, लेकिन वे दहाई में रह गए। मैं इतना ही कहूंगा कि अगर वे (कांग्रेस) इस तरह के दावे करेंगे तो इकाई में पहुंच जाएंगे। जनता इस तरह की दादागिरी और बदमाशी को स्वीकार नहीं करेगी।"

इससे पहले, मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एफआईआर दर्ज होने पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा, "मुद्दा मेरे या हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर का नहीं है। मुद्दा एक पीड़ित व्यक्ति का है। उसने 50 जगह शिकायत की, अलग-अलग वीडियो दिए और 300 किलोमीटर पैदल चलकर न्याय मांगने के बावजूद मेरे पास पहुंचा। मैंने विपक्ष के तौर पर अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाया। सरकार को इस व्यक्ति का दर्द समझना चाहिए था और अपराधी, आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन क्योंकि आरोपी एक विधायक का रिश्तेदार, परिवार का सदस्य और सत्ताधारी पार्टी का कार्यकर्ता था, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय, जिसने दर्द सुना, उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। उन्होंने मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की।"

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Created On :   8 July 2025 12:02 PM IST

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