अंतरराष्ट्रीय: ब्राजील के लोग भारत की संस्कृति सीखने के इच्छुक ज्योति किरण शुक्ला

ब्राजील में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत में कार्यक्रम का आयोजन करने वाली डॉ. ज्योति किरण शुक्ला का कहना है कि प्रधानमंत्री के आगमन से यहां रहने वाले प्रवासी काफी उत्साहित हैं। ब्राजील के लोग भारत की संस्कृति को सीखने के लिए काफी इच्छुक हैं।

ब्रासीलिया, 9 जुलाई (आईएएनएस)। ब्राजील में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत में कार्यक्रम का आयोजन करने वाली डॉ. ज्योति किरण शुक्ला का कहना है कि प्रधानमंत्री के आगमन से यहां रहने वाले प्रवासी काफी उत्साहित हैं। ब्राजील के लोग भारत की संस्कृति को सीखने के लिए काफी इच्छुक हैं।

डॉ. शुक्ला ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि स्वामी विवेकानंद कल्चरल सेंटर के तत्वावधान में इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिस तरह का कार्यक्रम आयोजित हुआ, उसे लेकर लोगों में काफी खुशी और उत्साह है। मंगलवार का कार्यक्रम कई मायनों में खास था। इसके पीछे की वजह यह है कि दोनों ही देशों की संस्कृति आपस में काफी मिलती-जुलती हैं।

उन्होंने कहा, "इस कार्यक्रम में हमने भारत की संस्कृति को दिखाने की कोशिश की थी, जिसे देखने के बाद लोगों में उत्साह का भाव था। यहां पर भारत की संस्कृति की गहरी जड़े हैं। इससे पहले हमने योग से संबंधित कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें 100 से अधिक योग शिक्षक शामिल हुए थे। अब आप सोच सकते हैं कि जिस जगह पर 100 से अधिक योग शिक्षक हैं, वहां पर योग को चाहने वाले कितने लोग होंगे। मौजूदा समय में हम तीन परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। पहला, हमने कैंपस कनेक्ट कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसमें हमने युवाओं से जुड़ने का प्रयास किया था। उनके बीच में हमने अपने अनुभव साझा किए थे। इसके बाद हमने 'एक्सपिरियंस इंडिया डे' की शुरुआत की थी। इसके बाद हमने इंडिया फेस्ट की शुरुआत की थी, जिसमें हमने ब्राजील में भारतीय संस्कृति को प्रचारित करने की कोशिश की थी। हमने यहां के लोगों को भारत की संस्कृति से अवगत कराया था।

उन्होंने कहा कि ब्राजील के लोग भारत को बहुत प्रेम करते हैं। जिस व्यक्ति ने सितार बजाकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया, वह ब्राजील का नागरिक था। यहां के लोग भारत की संस्कृति से बहुत प्यार करते हैं। यहां के लोगों को भारत की संस्कृति से गहरा लगाव है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा, यहां के लोग हिंदुस्तान की संस्कृति को सीखकर उसे अपने जीवन में आत्मसात भी करना चाहते हैं, लेकिन इस बीच कुछ जटिलताएं उभरकर सामने आ रही हैं, जिन्हें हम अपनी तरफ से दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। हम खुद चाहते हैं कि यहां के लोग भी भारत की संस्कृति को सीखे।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   9 July 2025 2:32 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story