राष्ट्रीय: पुण्यतिथि विशेष लाहौर से दिल्ली तक जीवंत है सर गंगा राम के सेवा और समर्पण की कहानी

नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)। भारत और पाकिस्तान में ऐसी बहुत कम शख्सियतें हैं, जिनकी विरासत सरहद के दोनों ओर आज भी जीवित है। प्रतिष्ठित इंजीनियर और समाजसेवी सर गंगा राम उन्हीं में से एक हैं। दिल्ली और लाहौर में उनके नाम पर बने अस्पताल आज भी उनकी सेवा भावना और विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। 10 जुलाई को उनकी पुण्यतिथि है और इस दिन सर गंगा राम के योगदान को हर कोई याद करता है।
सर गंगा राम का जन्म 1851 में लाहौर से लगभग 64 किलोमीटर दूर मंगतनवाला गांव में हुआ था। उनके पिता दौलत राम उत्तर प्रदेश छोड़कर वहां एक जूनियर पुलिस सब-इंस्पेक्टर के रूप में कार्यरत थे। बाद में उनका परिवार पंजाब प्रांत के अमृतसर चला गया, जहां गंगा राम ने एक सरकारी हाईस्कूल में पढ़ाई की।
अपनी उच्च शिक्षा के लिए गंगा राम ने उत्तरी भारत और पाकिस्तान की यात्रा की। वो सरकारी कॉलेज में पढ़ने के लिए लाहौर गए। बाद में उन्हें रुड़की के थॉमसन इंजीनियरिंग कॉलेज (अब आईआईटी रुड़की) में स्कॉलरशिप मिली, जहां उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
अपनी डिग्री में अव्वल आने के बाद गंगा राम ने लाहौर के चीफ इंजीनियर राय बहादुर कन्हैया लाल के दफ्तर में अप्रेंटिस ट्रेनिंग शुरू की। यहीं से "गंगा राम युग" शुरू हुआ। वो एक शीर्ष सिविल इंजीनियर बने और अपने काम से शहर की वास्तुकला को आकार दिया। उन्होंने कई भवनों का निर्माण किया।
उन्हें लाहौर म्यूजियम, एचिसन कॉलेज, नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स और जनरल पोस्ट ऑफिस जैसी कई शानदार इमारतों के डिजाइन और निर्माण का श्रेय दिया जाता है। इसलिए उन्हें आधुनिक लाहौर का जनक भी कहा जाता है।
साल 1947 में भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली और देश दो नए राष्ट्रों (भारत और पाकिस्तान) में विभाजित हुआ। उसके बाद सर गंगा राम का परिवार दिल्ली में आकर बस गया।
सर गंगा राम ने सिर्फ शानदार इमारतें खड़ी नहीं कीं, बल्कि उनके अंदर समाजसेवा का भी भाव था। उन्होंने विधवाओं महिलाओं के हक में आवाज उठाई और लोगों के स्वास्थ्य को लेकर अहम काम किए। उन्होंने हिंदू विधवाओं के लिए घर बनवाए। उन्होंने हिंदू और सिख महिलाओं के लिए लेडी मेनार्ड इंडिस्ट्रियल स्कूल बनवाने में आर्थिक मदद की।
1923 में सर गंगा राम ट्रस्ट बनाया गया तो लाहौर के बीचोंबीच सर गंगा राम मुफ्त अस्पताल और डिस्पेंसरी का निर्माण हुआ। 1924 में हिंदू छात्रों की मदद के लिए हिंदू स्टुडेंट्स करियर्स सोसायटी बनाई गई। समाजसेवा के तौर पर गंगा राम ने हिंदू अपाहिज आश्रम का आखिरी काम किया। 10 जुलाई 1927 को लंदन में सर गंगा राम का निधन हुआ। सर गंगा राम के सम्मान के तौर पर दिल्ली में अस्पताल का नाम उनके नाम पर रखा गया।
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Created On :   9 July 2025 2:51 PM IST