किताबें: साहित्यरत्न अन्नाभाऊ साठे की जयंती, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी श्रद्धांजलि

साहित्यरत्न अन्नाभाऊ साठे की जयंती, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी श्रद्धांजलि
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साहित्यरत्न अन्नाभाऊ साठे को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि अन्नाभाऊ साठे एक ऐसा नाम है, जिन्होंने अपनी लेखनी से अनेक लोगों के बीच चेतना की चिंगारी जाग्रत करने का काम किया।

नागपुर, 1 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साहित्यरत्न अन्नाभाऊ साठे को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि अन्नाभाऊ साठे एक ऐसा नाम है, जिन्होंने अपनी लेखनी से अनेक लोगों के बीच चेतना की चिंगारी जाग्रत करने का काम किया।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को नागपुर के दीक्षाभूमि चौक पर साहित्यरत्न अन्नाभाऊ साठे की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान मंत्री चंद्रकांत पाटील उपस्थित थे। फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम अन्नाभाऊ साठे की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्र हुए हैं। वंचितों के विकास का जो मार्ग उन्होंने दिखाया, हम उस मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "दुनिया के कई देशों में उनका साहित्य पढ़ा और प्रकाशित किया जाता है। संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में उन्होंने अपने गीतों के माध्यम से इस आंदोलन को नया रूप दिया। वास्तव में अन्नाभाऊ साठे ने समाज में वंचितों की आवाज पहुंचाने का काम किया। पृथ्वी शेषनाग के फन पर नहीं, बल्कि मजदूरों की हथेलियों पर टिकी है, ऐसा संदेश देने वाले अन्नाभाऊ साठे थे।"

एनसीपी-एसपी की सांसद सुप्रिया सुले ने भी अन्नाभाऊ साठे को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "साहित्य के माध्यम से वंचितों के जीवन को सशक्त रूप से ऊपर उठाने वाले महान लेखक, अखंड महाराष्ट्र के संघर्ष के अग्रदूत, विचारक और कवि, साहित्य रत्न अन्नाभाऊ साठे की जयंती है। इस अवसर पर हम उनकी स्मृति को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।"

महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने लिखा, "साहित्य रत्न एवं अन्नाभाऊ साठे को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। अन्नाभाऊ ने जन-सामान्य की आवाज को बुलंद करते हुए अपनी कलम और स्याही की शक्ति से अन्याय के विरुद्ध संघर्ष किया। उनकी रचनात्मकता और संघर्ष की विरासत आज भी प्रेरणादायी है।"

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Created On :   1 Aug 2025 12:03 PM IST

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