राजनीति: जितेंद्र आव्हाड पर शरद पवार और सुप्रिया सुले रुख स्पष्ट करें नितेश राणे

जितेंद्र आव्हाड पर शरद पवार और सुप्रिया सुले रुख स्पष्ट करें  नितेश राणे
एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड के सनातन धर्म पर दिए बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। भाजपा नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने कहा है कि आव्हाड के बयान पर शरद पवार और सुप्रिया सुले को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

अमरावती, 3 अगस्त (आईएएनएस)। एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड के सनातन धर्म पर दिए बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। भाजपा नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने कहा है कि आव्हाड के बयान पर शरद पवार और सुप्रिया सुले को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

मीडिया से बात करते हुए नितेश राणे ने कहा कि जितेंद्र आव्हाड जिस क्षेत्र से चुनकर आते हैं, वह क्षेत्र जिहादियों का है। उन्हें खुश करने के लिए आव्हाड को सनातन धर्म को गाली देनी पड़ती है। सनातन का नाम लेना पड़ता है। क्या कभी किसी मुसलमान को उन्होंने अपने धर्म को गाली देते हुए देखा है? फिर, हिंदू धर्म में पैदा हुए जितेंद्र अपने धर्म को गाली देने की हिम्मत क्यों करते हैं? शरद पवार और सुप्रिया सुले को बताना चाहिए कि क्या वे भी आव्हाड के बयान को सही मानते हैं?

एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने शनिवार को मीडिया से बात करते हुए सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया था। आव्हाड ने कहा, "सनातन धर्म ने भारत को बर्बाद कर दिया है। सनातन धर्म नाम का कोई धर्म कभी था ही नहीं। हम हिंदू धर्म के अनुयायी हैं। सनातन धर्म ही छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक न होने देने और छत्रपति संभाजी महाराज को बदनाम करने के लिए जिम्मेदार है।"

जितेंद्र आव्हाड ने कहा, "सनातन धर्म के अनुयायियों ने सावित्रीबाई फुले पर गोबर और गंदगी फेंकी। शाहू महाराज की हत्या की साजिश रची। डॉ. अंबेडकर को पानी पीने या स्कूल जाने की इजाजत नहीं दी। लोगों को सनातन धर्म और उसकी विचारधारा को विकृत कहने में संकोच नहीं करना चाहिए।"

विवादित बयान देने वाले जितेंद्र आव्हाड एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता हैं। वह 2002 से 2008 तक विधान परिषद के सदस्य रहे। 2009 में विधानसभा के लिए चुने गए और उसके बाद से महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य हैं। वह आवास, चिकित्सा शिक्षा, अल्पसंख्यक विकास जैसे विभागों के मंत्री रहे हैं।

आव्हाड ओबीसी वंजारी समुदाय से आते हैं। उन्होंने सामाजिक-धार्मिक आंदोलनों में पीएचडी की है। महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते ने 2018 में दावा किया था कि उन्हें चरमपंथियों ने निशाना बनाने की साजिश रची थी।

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Created On :   3 Aug 2025 9:31 PM IST

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