राजनीति: बिहार चुनाव कोसी की गोद में बसा रुपौली विधानसभा क्षेत्र, बाढ़, पलायन और बदलते चुनावी समीकरणों की कहानी

बिहार चुनाव  कोसी की गोद में बसा रुपौली विधानसभा क्षेत्र, बाढ़, पलायन और बदलते चुनावी समीकरणों की कहानी
बिहार के पूर्णिया जिले का रुपौली विधानसभा क्षेत्र कोसी इलाके की राजनीतिक और सामाजिक तस्वीर का अहम हिस्सा है। यह पूर्णिया लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है और इसमें रुपौली व भवनिपुर प्रखंडों के साथ बरहरा कोठी ब्लॉक के आठ ग्राम पंचायत शामिल हैं।

पटना, 9 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के पूर्णिया जिले का रुपौली विधानसभा क्षेत्र कोसी इलाके की राजनीतिक और सामाजिक तस्वीर का अहम हिस्सा है। यह पूर्णिया लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है और इसमें रुपौली व भवनिपुर प्रखंडों के साथ बरहरा कोठी ब्लॉक के आठ ग्राम पंचायत शामिल हैं।

भौगोलिक रूप से यह इलाका उपजाऊ जमीन के लिए जाना जाता है, लेकिन कोसी नदी की निकटता इसे बार-बार आने वाली बाढ़ और पलायन की समस्या से भी जूझने पर मजबूर करती है। यहां धान, मक्का और गेहूं मुख्य फसलें हैं, जबकि केला और जूट की खेती भी कुछ हिस्सों में होती है। औद्योगिक ढांचा कमजोर है, जिससे बड़ी संख्या में लोग रोज़गार के लिए बाहर पलायन करते हैं।

रुपौली, जिला मुख्यालय पूर्णिया से लगभग 40 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। पटना से इसकी दूरी लगभग 300 किमी है। बनमनखी जंक्शन इसका नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो इसे बिहार के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।

1951 में स्थापित इस विधानसभा सीट पर अब तक 17 चुनाव हो चुके हैं। यह सीट कभी आरक्षित नहीं रही और यहां विभिन्न राजनीतिक दलों ने बारी-बारी से सत्ता पाई है। कांग्रेस ने 6 बार, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने 2 बार, जनता दल (यूनाइटेड) ने 3 बार, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 1 बार जीत दर्ज की है। लोजपा और समाजवादी पार्टी को भी यहां एक-एक बार सफलता मिली है, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार 3 बार विजयी रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी का यहां अभी खाता नहीं खुला है।

हाल के दो दशकों में रुपौली की राजनीति दो नामों के इर्द-गिर्द घूमती रही है- बीमा भारती और शंकर सिंह। बीमा भारती 2000 से अब तक पांच बार विधायक रह चुकी हैं: एक बार निर्दलीय, एक बार राजद से, और तीन बार जदयू से। दूसरी ओर, शंकर सिंह ने राजनीति की शुरुआत लोजपा से की और बाद में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल करके अपनी पहचान बनाई।

2020 में जदयू की बीमा भारती ने लोजपा के शंकर सिंह को हराया था। लेकिन 2024 में समीकरण बदल गए। बीमा भारती ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए विधानसभा से इस्तीफा दिया और राजद के टिकट पर मैदान में उतरीं, लेकिन हार गईं। उनके इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में शंकर सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जदयू के कलाधर प्रसाद मंडल को हरा दिया, जबकि बीमा भारती तीसरे स्थान पर रहीं।

2024 के चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, रुपौली की अनुमानित जनसंख्या 5,36,034 है, जिसमें 2,74,334 पुरुष और 2,61,700 महिलाएं शामिल हैं। कुल 3,12,605 मतदाताओं में 1,61,415 पुरुष, 1,51,174 महिलाएं और 16 थर्ड जेंडर मतदाता हैं।

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Created On :   9 Aug 2025 9:30 AM IST

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