राजनीति: योगी सरकार की पोषण पाठशाला बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कारगर साबित हो रही

योगी सरकार की पोषण पाठशाला बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कारगर साबित हो रही
उत्तर प्रदेश में बच्चों में स्टंटिंग (नाटापन) और कुपोषण की चुनौती से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने 'संभव अभियान 5.0' के माध्यम से 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के तहत स्टंटिंग को कम करने का संकल्प लिया है।

लखनऊ, 9 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में बच्चों में स्टंटिंग (नाटापन) और कुपोषण की चुनौती से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने 'संभव अभियान 5.0' के माध्यम से 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के तहत स्टंटिंग को कम करने का संकल्प लिया है।

इस बार इस अभियान का केंद्र बिंदु स्टंटिंग के उन्मूलन को बनाया गया है, जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधक है। बीते जुलाई माह से शुरू हुए इस अभियान ने पिछले एक माह में राज्यव्यापी स्तर पर सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। साथ ही, 'पोषण पाठशाला' कार्यक्रम ने विश्व स्तनपान सप्ताह (1-7 अगस्त) की थीम 'स्तनपान में निवेश, भविष्य में निवेश' को साकार करते हुए माताओं और बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।

योगी सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों के तहत स्टंटिंग को कम करना है, जिसके लिए ठोस नीतियां बनाई जा रही हैं। पोषण पाठशाला के माध्यम से योगी सरकार माता-पिता और अन्य अभिभावकों को जागरुक कर रही है। बच्चों के जीवन के पहले 1,000 दिनों में अपर्याप्त पोषण के कारण स्टंटिंग की समस्या होती है। इसे कम करने के लिए योगी सरकार ने 'छह माह, सात बार' रणनीति अपनाई है। इसके तहत छह माह से कम आयु के शिशुओं की नियमित निगरानी, बीमारी प्रबंधन, और माताओं को स्तनपान सहायता प्रदान की जा रही है।

पहले छह माह में केवल स्तनपान और बाद में संतुलित आहार बच्चों के विकास को मजबूत करता है। इस दिशा में, 75 जिलों के 7,500 आंगनबाड़ी केंद्रों में 0-5 वर्ष की आयु के अविकसित बच्चों की माप के लिए कुल 9.80 लाख से अधिक कार्य किए गए हैं।

इन केंद्रों में अविकसित बच्चों की निगरानी के लिए 7,500 नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं, जो सघन ग्रोथ मॉनिटरिंग और न्यूट्रिशन ट्रैकिंग सुनिश्चित कर रहे हैं। बीते 14-15 जुलाई को पूरे प्रदेश में पहली बार एक साथ स्टंटिंग मापन अभियान चलाया गया, जिसमें नोडल अधिकारियों ने बच्चों के एंथ्रोपोमेट्रिक माप (लंबाई, वजन) का सत्यापन किया।

स्टंटिंग की वास्तविक स्थिति को समझने और डेटा की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए राज्यव्यापी स्टंटिंग वैलिडेशन अभियान शुरू किया गया। इस अभियान में सभी विभागों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और बाल विकास सेवा के संयुक्त प्रयासों से चयनित गांवों में बच्चों की निगरानी की गई है। यह पहल समय रहते हस्तक्षेप सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है। बीते वर्षों में स्टंटिंग के आंकड़ों में सुधार दर्ज हुआ है।

विश्व स्तनपान सप्ताह (1-7 अगस्त) के अवसर पर शुरू की गई 'पोषण पाठशाला' ने माताओं को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों ने माताओं को स्तनपान और पोषक आहार के बारे में प्रशिक्षित किया। बताया गया कि पहले 1,000 दिन बच्चों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। संतुलित पोषण से स्टंटिंग को रोका जा सकता है।

प्रत्येक जनपद में ब्लॉक और जनपद स्तर के 100 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो आंगनबाड़ी केंद्रों की सघन निगरानी कर रहे हैं। जिलाधिकारी मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित कर रहे हैं, जिसमें स्टंटिंग की स्थिति का आकलन किया जाता है। 'संभव अभियान 5.0' का मुख्य उद्देश्य पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों में अतिगंभीर कुपोषण का चिन्हांकन, चिकित्सीय उपचार, और स्टंटिंग में कमी लाना है। इस अभियान ने गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया है।

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Created On :   9 Aug 2025 8:56 PM IST

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