क्रिकेट: एक मीटिंग और बदल गए वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम का तेवर

नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के प्रदर्शन में लंबे समय से बड़ी गिरावट देखी गई है। लेकिन, प्रदर्शन में सुधार के लिए हुई अहम बैठक के ठीक एक दिन बाद ही वेस्टइंडीज ने वो कर दिखाया, जो पिछले 34 साल से नहीं हुआ था।
हाल की कुछ सीरीज की बात करें तो वेस्टइंडीज को अपने घर में टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया से 0-3 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। इस सीरीज में वेस्टइंडीज एक बार पारी में 27 रन पर सिमट गई थी। इस प्रदर्शन के बाद टीम की वैश्विक स्तर पर आलोचना हुई थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने टी20 सीरीज में भी 5-0 से जीत दर्ज की। पाकिस्तान से भी वेस्टइंडीज अपने घर में टी20 सीरीज 1-2 से हारी। पाकिस्तान ने तीन वनडे मैचों की सीरीज के पहले मैच में भी वेस्टइंडीज को हरा दिया। यह हार टीम के लिए रेड अलर्ट की तरह थी।
11 अगस्त को टीम के प्रदर्शन में सुधार के लिए एक अहम बैठक वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की तरफ से आयोजित हुई। इस बैठक में टीम को लगातार दो बार अपनी कप्तानी में वनडे विश्व कप दिलाने वाले क्लाइव लॉयड, महान बल्लेबाज विव रिचर्ड्स, ब्रायन लारा, डेसमंड हेन्स, शिवनारायण चंद्रपॉल और वर्तमान मुख्य कोच डैरन सैमी शामिल थे। इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए, जो टीम के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में कारगर साबित हो सकते हैं।
इस बैठक के एक दिन बाद वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने कमाल कर दिया। 12 अगस्त को वेस्टइंडीज और पाकिस्तान के बीच वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच खेला गया। इस मैच में वेस्टइंडीज ने बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही विभाग में पाकिस्तान को पछाड़ा और 202 रन से जीत दर्ज कर खिताब पर कब्जा जमाया। पाकिस्तान के खिलाफ वनडे इतिहास की वेस्टइंडीज की यह सबसे बड़ी जीत है। वेस्टइंडीज ने वनडे सीरीज भी 2-1 से जीता। 1991 के बाद पाकिस्तान के खिलाफ वेस्टइंडीज की यह पहली वनडे सीरीज जीत है।
मैच में वेस्टइंडीज ने पहले बैटिंग करते हुए 294 रन बनाए थे और पाकिस्तान को 92 रन पर समेटकर 202 रन से ऐतिहासिक जीत हासिल की।
वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम का प्रदर्शन पिछले पांच साल में निश्चित रूप से गिरा है। टीम किसी भी फॉर्मेट में अपने प्रदर्शन से प्रभावित कर पाने में सफल नहीं रही है। दो-दो बार वनडे और टी20 विश्व कप जीत चुकी यह टीम विश्व कप क्वालीफाई करने में भी सफल नहीं हो पा रही है।
ऐसा नहीं है कि टीम के पास खिलाड़ी नहीं हैं। एक तरफ कैरेबियाई क्रिकेट में व्यक्तिगत प्रतिभा की कोई कमी नहीं, तो दूसरी तरफ ये खिलाड़ी एक टीम के तौर पर संगठित होकर खेलने में नाकाम रहे हैं। इसकी कई वजहें हैं: बोर्ड और क्रिकेटर्स के बीच वित्तीय मुद्दे, टीम में अलग-अलग प्रांतों से आने वाले खिलाड़ियों में एकजुटता न होना, टीम में विशेष स्थान से संबंध रखने वाले खिलाड़ियों को तरजीह देना, आदि। बोर्ड को इन सभी मुद्दों को जितनी जल्द हो सुलझाना होगा और एक बेहतर रणनीति के साथ टीम के खिलाड़ियों को एकजुट रखते हुए आगे बढ़ने की दिशा में काम करना होगा।
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Created On :   13 Aug 2025 3:55 PM IST