राजनीति: संसद परिसर में युवक का घुसना बड़ी चूक, गहनता से हो जांच कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत

संसद परिसर में युवक का घुसना बड़ी चूक, गहनता से हो जांच कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत
मानसून सत्र के खत्म होने के एक दिन बाद संसद परिसर की सुरक्षा में बड़ी चूक देखने को मिली, जहां एक शख्स पेड़ पर चढ़कर, दीवार फांदकर संसद परिसर में घुस गया। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने इसे बड़ी चूक बताया।

नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)। मानसून सत्र के खत्म होने के एक दिन बाद संसद परिसर की सुरक्षा में बड़ी चूक देखने को मिली, जहां एक शख्स पेड़ पर चढ़कर, दीवार फांदकर संसद परिसर में घुस गया। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने इसे बड़ी चूक बताया।

कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने आईएएनएस से कहा, यह एक गंभीर मसला है। जब 24 घंटे चारों ओर सुरक्षा है, उसके बावजूद पेड़ पर चढ़कर दिवार फांदकर जाना, संसद परिसर में घुसना बहुत ही गंभीर मसला है। आरोपी को पकड़ने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आरोपी चढ़ा कैसे? क्योंकि चारों तरफ सिक्योरिटी हैं और सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। एक पूरी समीक्षा होनी चाहिए। मेरे हिसाब से आरोप से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि ऐसी चीजें दोबारा नहीं हो। हमने संसद पर अटैक का दंश झेला है। इसकी एक गहनता से जांच होनी चाहिए।

कांग्रेस सांसद ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट में द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलने, जबकि अन्य टूर्नामेंट खेले जाने वाले भारत सरकार के फैसले को गलत करार दिया। उन्होंने कहा, "हमारे जो निर्दोष लोग मारे गए हैं, उसके बाद पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध सामान्य नहीं हुए, ऐसे में क्रिकेट क्यों? अमित शाह के बेटे आईसीसी के अध्यक्ष हैं, इसलिए। मेरे लिए ये समझ से परे है। जिन माताओं और बहनों ने अपने बेटे और पति को खोया, क्या उससे ज्यादा महत्वपूर्ण क्रिकेट खेलना हो गया? मेरे हिसाब से यह कहीं से भी उचित नहीं है। अगर अमित शाह के बेटे के कारण यह क्रिकेट खेला जा रहा है, तो मुझे लगता है कि सरकार को इसका जवाब देना होगा।"

कर्नाटक विधानसभा में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार द्वारा गाना गाए जाने पर कांग्रेस सांसद ने कहा, "इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। ऐसे में मेरा इस पर कमेंट करना उचित नहीं होगा।"

मानसून सत्र की समाप्ति के बाद टी पार्टी में कांग्रेस के शामिल होने पर उन्होंने कहा, "सदन में अगर सरकार बोलने नहीं देगी, तो ऐसी बहुत सी औपचारिकताओं का कोई महत्व नहीं रह जाता है। वहीं, जिस एसआईआर के मुद्दे पर सरकार से चर्चा कराने की मांग की गई, अगर वह नहीं हुई, तो मुझे लगता है कि चीजें दिखावटी रह जाती हैं।"

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Created On :   22 Aug 2025 2:26 PM IST

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