राजनीति: संविधान संशोधन विधेयक को लेकर सरकार का इरादा नापाक अधीर रंजन चौधरी

संविधान संशोधन विधेयक को लेकर सरकार का इरादा नापाक  अधीर रंजन चौधरी
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 30 दिनों से अधिक समय तक हिरासत में रहने वाले मुख्यमंत्रियों को पद से हटाने वाले विधेयक की जांच के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। शनिवार को टीएमसी ने घोषणा की कि वह इस समिति में किसी भी सदस्य को नामित नहीं करेगी। वहीं, इंडिया गठबंधन के अन्य दल जेपीसी में भाग लेने के लिए सहमत हो गए हैं।

कोलकाता, 23 अगस्त (आईएएनएस)। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 30 दिनों से अधिक समय तक हिरासत में रहने वाले मुख्यमंत्रियों को पद से हटाने वाले विधेयक की जांच के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। शनिवार को टीएमसी ने घोषणा की कि वह इस समिति में किसी भी सदस्य को नामित नहीं करेगी। वहीं, इंडिया गठबंधन के अन्य दल जेपीसी में भाग लेने के लिए सहमत हो गए हैं।

कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला।

उन्होंने कहा कि सरकार को सबसे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी जांच एजेंसियों को स्वतंत्र करना चाहिए। इन संस्थाओं पर सरकार का हस्तक्षेप बंद होना चाहिए, ताकि वे निष्पक्ष और स्वायत्त तरीके से काम कर सकें। यह बिल विपक्ष को कमजोर करने के लिए लाया गया है।

उन्होंने कहा, “मोदी सरकार अगर अपनी नीयत साफ दिखाना चाहती है, तो इन एजेंसियों को स्वतंत्र करने के लिए ठोस कानूनी कदम उठाए। उनके इरादे ठीक नहीं हैं।”

अधीर रंजन चौधरी ने लोकपाल और लोकायुक्त जैसे संस्थानों की स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि अन्ना हजारे के आंदोलन से प्रेरित लोकपाल का वर्तमान में क्या हाल है? लोकपाल और लोकायुक्त को कितनी शक्ति दी गई है? क्या इनके पास स्वतंत्र संसाधन या ढांचा है? क्या कोई जांच एजेंसी किसी मंत्री या प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत रखती है?

उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार की मंशा साफ होती, तो वह इन संस्थानों को मजबूत करने के लिए कदम उठाती। अगर सत्ताधारी दल सत्ता से बाहर हो जाए, तो क्या कोई जांच एजेंसी उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की हिम्मत दिखा सकती है?

एशिया कप में भारत-पाकिस्तान मैच पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "खेल जगत एक अलग क्षेत्र है और जो लोग खेलों में भाग लेते हैं, वे खिलाड़ी के तौर पर ऐसा करते हैं। दोनों देशों के आम लोगों के बीच कोई तनाव, हिंसा या नफरत नहीं है। हालांकि, पाकिस्तानी सैन्य सरकार, खासकर सेना, भारत के साथ शांति नहीं चाहती।

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Created On :   23 Aug 2025 7:33 PM IST

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