राजनीति: ऑपरेशन सिंदूर से एक्सपोज हुआ विपक्ष, एसआईआर पर फैला रहा भ्रम अर्जुन राम मेघवाल

नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर बिहार एसआईआर मामले पर जबरन भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर पर एक्सपोज हो चुका है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अपना काम कर रहा है। संवैधानिक संस्था पर सवाल उठाना ठीक नहीं है।
आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने संसद के मानसून सत्र का जिक्र करते हुए कहा कि 20 जुलाई को सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने मांग की थी कि मानसून सत्र में पहली चर्चा ऑपरेशन सिंदूर पर हो। उस बैठक में राहुल गांधी और उनकी पार्टी के सदस्य भी मौजूद थे। हमने वह मांग मान ली। हमने 16 घंटे लंबी बहस की उनकी मांग भी मान ली।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पर बहस ने विपक्ष की पोल खोल दी, इसलिए उन्होंने रणनीति बदली और एसआईआर का मुद्दा उठाया, जो कि विपक्ष की रणनीति का हिस्सा नहीं था। एसआईआर का मुद्दा इसीलिए उठा रहे हैं क्योंकि वे ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर विफल हो गए। जनता ने विपक्ष का असली चेहरा देख लिया। एसआईआर का मुद्दा लेकर आए, जिससे साफ है कि उनके मन में खोट है।
130वें संविधान संशोधन में कांग्रेस को किस बात का डर है? क्या उन्हें अपने मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी की चिंता है? इस सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कानून है। अगर कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या यहां तक कि प्रधानमंत्री भी पद पर हैं और कोई जांच एजेंसी उन्हें दोषी साबित कर देती है, और अदालत उन्हें बिना जमानत दिए पांच साल या उससे ज्यादा की सजा सुना देती है, तो ऐसे व्यक्ति के लिए शासन करना संभव नहीं होगा।
उन्होंने तर्क दिया कि विपक्ष को इसे एक प्रगतिशील कानून मानना चाहिए और इसका समर्थन करना चाहिए।
राहुल गांधी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर कांग्रेस नेताओं के बयान पर उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट पर जनता और हम विश्वास करते हैं; जिन्होंने टिप्पणी की है, उन्होंने अलग ढंग से टिप्पणी की है। अगर आप इससे सहमत नहीं हैं, तो अपील करें। आप सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करने वाले कौन होते हैं? मैं उनसे यही पूछना चाहता हूं।"
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उन्होंने कहा कि यह भी एक चुनावी सुधार है। एक साथ चुनाव कराने से अनुमानित जीडीपी वृद्धि 1.5 प्रतिशत तक हो सकती है। बार-बार होने वाले चुनाव में लगने वाले आचार संहिता से विकास के कार्य बाधित होते हैं। एक साथ चुनाव देशहित में इसीलिए सरकार बिल लेकर आई है। एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर देश की जनता भी अपना समर्थन दे रही है।
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Created On :   25 Aug 2025 5:34 PM IST