स्वास्थ्य/चिकित्सा: गर्भावस्था के दौरान कैल्शियम की अधिक मात्रा 'चाइल्डहुड डिप्रेशन रिस्क' को कम करती है अध्ययन

एक जापानी शोध दल ने पाया है कि गर्भावस्था के दौरान ज्यादा कैल्शियम इनटेक, चाइल्डहुड डिप्रेशन रिस्क (बच्चों में अवसाद के लक्षणों का जोखिम) को कम करता है।

नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)। एक जापानी शोध दल ने पाया है कि गर्भावस्था के दौरान ज्यादा कैल्शियम इनटेक, चाइल्डहुड डिप्रेशन रिस्क (बच्चों में अवसाद के लक्षणों का जोखिम) को कम करता है।

हालांकि, पिछले कुछ शोध दावा कर चुके हैं कि कैल्शियम का अधिक सेवन डिप्रेशन रोकने में मदद कर सकता है। जापान के एहिमे विश्वविद्यालय में इस पर शोध किया गया। यह गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों के संबंध को परखने वाला पहला अध्ययन है।

टीम ने दक्षिण-पश्चिमी जापान के क्यूशू क्षेत्र और ओकिनावा में माताओं और उनके बच्चों के स्वास्थ्य अध्ययन के आंकड़ों का उपयोग किया। इसके लिए करीब 873 जोड़ों (मां-बच्चों) ने फॉलो अप स्टडी में भाग लिया। बच्चे 13 साल के हो गए थे।

जर्नल ऑफ साइकियाट्रिक रिसर्च में मई में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के कैल्शियम सेवन की गणना उनके व्यक्तिगत आहार (पूरक आहार को छोड़कर) को जांचने परखने के आधार पर की गई थी।

13 साल के बच्चों के अवसाद के लक्षणों का निर्धारण सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजिक स्टडीज डिप्रेशन स्केल, या सीईएस-डी (जो आत्म-मूल्यांकन पर आधारित है) के अनुसार किया गया था। 0 से 60 की कुल रेंज में, टीम ने 16 या उससे अधिक के स्कोर को डिप्रेशन के लक्षणों का संकेत माना।

टीम ने प्रतिभागियों को गर्भावस्था के दौरान उनके कैल्शियम सेवन के आधार पर चार समूहों में विभाजित करके आंकड़ों का विश्लेषण किया। बताया कि सबसे कम सेवन वाले समूह में, 28 प्रतिशत बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण दिखाई दिए, जबकि सबसे अधिक सेवन वाले समूह में यह संख्या 18.7 प्रतिशत थी।

सबसे अधिक सेवन वाले समूह की महिलाओं द्वारा कैल्शियम का औसत दैनिक सेवन लगभग 675 मिलीग्राम था, जो 18 से 29 वर्ष की आयु की महिलाओं के लिए रिक्मेंडेड (अनुशंसित) मात्रा के लगभग बराबर था।

एहिमे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर योशीहिरो मियाके ने निष्कर्ष के आधार पर कहा, "मान सकते हैं कि माताओं के कैल्शियम इनटेक का उनके बच्चों की भावनाओं पर प्रभाव पड़ सकता है, और फिर इस तरह हम बच्चों में अवसाद के लक्षणों का एक कारक पहचानने में सक्षम हुए।" उनके मुताबिक इस पर और शोध किए जाने की जरूरत है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   7 Sept 2025 3:04 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story