मानवीय रुचि: यमुना में बाढ़ के बाद बढ़ा बीमारियों का खतरा, सीएमओ ने बताए बचाव के उपाय

यमुना में बाढ़ के बाद बढ़ा बीमारियों का खतरा, सीएमओ ने बताए बचाव के उपाय
यमुना नदी में आया बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे उतरने लगा है, लेकिन इसके साथ ही बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है और लोग लगातार इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें यमुना के किनारे बने राहत शिविरों में दिन-रात लोगों का इलाज कर रही हैं और दवाओं का वितरण भी कर रही हैं।

नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। यमुना नदी में आया बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे उतरने लगा है, लेकिन इसके साथ ही बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है और लोग लगातार इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें यमुना के किनारे बने राहत शिविरों में दिन-रात लोगों का इलाज कर रही हैं और दवाओं का वितरण भी कर रही हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. नरेन्द्र सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ से पहले ही 12 स्वास्थ्य चौकियां स्थापित की थीं, और अब जो पानी उतर रहा है, तब भी हमारी मेडिकल टीम लगातार कार्य कर रही है और जिस तरह की बीमारियां सामने आ रही हैं, उनका इलाज किया जा रहा है। हर स्थिति से निपटने के लिए हमारा स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग है और बीमारियों को न फैलने की दिशा में काम कर रहा है।

सीएमओ ने कहा, "इस साल जनवरी से अब तक जिले में डेंगू के कुल 189 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 14 मरीजों का इलाज अभी भी चल रहा है। वहीं, मलेरिया के 85 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 6 सक्रिय मामले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों से बचाव के लिए 188 नोटिस जारी किए हैं, जिनमें लोगों को साफ-सफाई रखने, पानी जमा न होने देने और मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।

स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों पर नियंत्रण के लिए 21 टीमें तैनात की हैं, जिनमें 16 शहरी क्षेत्रों में रैपिड रिस्पांस टीमें, 4 ब्लॉक स्तर की टीमें और 1 जिला स्तर की टीम शामिल है। ये टीमें जलभराव वाले इलाकों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में नियमित जांच कर रही हैं। घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है और मच्छरों के लार्वा की जांच की जा रही है। जहां भी लार्वा मिलता है, वहां तत्काल कार्रवाई की जा रही है और संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर बचाव के निर्देश दिए जा रहे हैं।

जब आईएएनएस ने डॉ. से पूछा, "ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के मामले अधिक देखे जा रहे हैं, क्योंकि वहां जागरूकता की कमी और जलभराव की स्थिति अधिक है। तो क्या आप लोगों ने वहां पर कोई ऐसे हॉटस्पॉट चिह्नित किए हैं?

डॉ. कुमार ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, "अभी तक कोई विशेष हॉटस्पॉट चिह्नित नहीं किया गया है। हमारी टीमें हर उस जगह पर नजर रख रही हैं, जहां जलभराव या घनी आबादी है। घर-घर जाकर जांच की जा रही है और लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है।"

हर साल सितंबर-अक्टूबर में मलेरिया और डेंगू के मामले रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। सीएमओ का कहना है कि इस साल जनवरी से अब तक तो 189 कुल मामले रिपोर्ट हुए हैं, लेकिन अभी हमारे जो एक्टिव केस हैं, वो केवल 14 हैं, जिनका लगातार ट्रीटमेंट चल रहा है, और इस समय हम लोगों के द्वारा 188 नोटिस जारी किए गए हैं, और हमारी कुल मिलाकर 21 टीमें काम कर रही हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अपने आसपास साफ-सफाई रखें, पानी जमा न होने दें और मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी, रिपेलेंट और पूरी बाजू के कपड़ों का उपयोग करें। इसके साथ ही, बुखार या अन्य लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें।

स्वास्थ्य विभाग की सजगता और सक्रियता से उम्मीद है कि बीमारियों पर जल्द काबू पा लिया जाएगा।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   8 Sept 2025 5:44 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story