राजनीति: 'राहुल गांधी की बातें महत्वहीन', भाजपा नेता बोले- उनके पास कोई ठोस तथ्य नहीं

राहुल गांधी की बातें महत्वहीन, भाजपा नेता बोले- उनके पास कोई ठोस तथ्य नहीं
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'वोटर लिस्ट' में कथित फर्जीवाड़े के आरोपों पर सियासत एक बार फिर गरमाने लगी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी की मौखिक बातों का कानून के हिसाब से कोई महत्व नहीं है।

नई दिल्ली, 18 सितंबर (आईएनएस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'वोटर लिस्ट' में कथित फर्जीवाड़े के आरोपों पर सियासत एक बार फिर गरमाने लगी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी की मौखिक बातों का कानून के हिसाब से कोई महत्व नहीं है।

भाजपा के राज्यसभा सांसद मनन मिश्रा ने आरोपों को "हल्का" बताते हुए कहा, "राहुल गांधी ने 'हाइड्रोजन बम' छोड़ने की बात कही थी, लेकिन इसके बजाय उन्होंने फिर से समय मांग लिया और कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया।"

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में मनन मिश्रा ने कहा, "राहुल गांधी ने कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए दावा किया कि कुछ लोगों के मोबाइल से 12 से 14 मतदाताओं के नाम हटाए गए। कर्नाटक में कांग्रेस ने भाजपा से दोगुनी सीटें जीतीं और सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र के आधार पर कुछ लोगों को खड़ा करके राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पूरी तरह 'फुस्स' हो गई। कोई ठोस तथ्य या सबूत सामने नहीं आया।"

भाजपा सांसद ने राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों को भी खारिज किया, जिसमें गांधी ने पहले कहा था कि चुनाव आयोग 'वोट चोरी' करता है और अब दावा किया कि आयोग 'वोट चोरों की रक्षा' करता है। मनन मिश्रा ने कहा, "हिंदुस्तान की जनता ऐसे बयानों को गंभीरता से नहीं लेती।"

उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया में बोलने का न तो जनता की नजर में कोई महत्व है, न ही कानून या अदालत की नजर में।

राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के नए आरोपों पर दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "राहुल गांधी के पास सिर्फ नकारात्मकता बची है। वे दिन भर झूठ बोलते हैं। पहले कह रहे थे कि 'हाइड्रोजन बम' आएगा। क्या इसी को 'हाइड्रोजन बम' कह रहे थे? उनकी भाषा किसी हारे हुए नेता जैसी है। अपनी हार के लिए इतने लोगों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।"

मनजिंदर सिंह सिरसा ने आगे कहा, "अगर वे जनता के सामने स्वीकार करते और माफी मांगते, तो शायद इससे ही उनका काम बेहतर हो जाता। राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से लेकर अदालत और चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया। उनकी मानसिकता यह है कि उनके सामने देश में सभी लोग गलत हैं। क्या गांधी परिवार के अलावा कोई सही है? उनकी भाषा से साबित होता है कि वे घटिया राजनीति में यकीन रखते हैं।"

उन्होंने कहा कि अगर मतदाता असंवैधानिक थे, तो कर्नाटक में मुख्यमंत्री कैसे बना दिया? इसका मतलब है कि कर्नाटक सरकार भी असंवैधानिक है।

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Created On :   18 Sept 2025 1:26 PM IST

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