सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से रेलवे में कवच लागू होने की जानकारी मांगी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से रेलवे में कवच लागू होने की जानकारी मांगी
नई दिल्ली, 2 जनवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार के सर्वोच्च कानून अधिकारी अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे द्वारा उठाए गए सुरक्षा उपायों की स्थिति सहित रेलवे पटरियों पर कवच-रोधी प्रणाली के कार्यान्वयन की जानकारी देने को कहा।

नई दिल्ली, 2 जनवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार के सर्वोच्च कानून अधिकारी अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से ट्रेन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे द्वारा उठाए गए सुरक्षा उपायों की स्थिति सहित रेलवे पटरियों पर कवच-रोधी प्रणाली के कार्यान्वयन की जानकारी देने को कहा।

जस्टिस सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की पीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में ओडिशा के बालासोर ट्रिपल ट्रेन हादसे में 292 यात्रियों की जान जाने की बात कही गयी, साथ ये ये भी कहा गया कि सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे में कवच प्रोटेक्शन सिस्टम को तत्काल प्रभाव से लागू करने की जरूरत है। इसके लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई। यह त्रासदी पिछले साल जून में कोरोमंडल एक्सप्रेस और अन्य दो ट्रेनों की आपस में टकराने से हुई थी।

पीठ ने आदेश दिया: “हम याचिकाकर्ता को दो दिनों के भीतर भारत के अटॉर्नी जनरल को रिट याचिका की एक प्रति सौंपने का निर्देश देते हैं। अटॉर्नी जनरल कवच योजना सहित भारत सरकार द्वारा लागू किए जाने के लिए प्रस्तावित सुरक्षात्मक उपायों के संबंध में सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत को अवगत कराएंगे।

मामले की आगे की सुनवाई चार सप्ताह के बाद की जाएगी।

अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ आयोग गठित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। आयोग की रिपोर्ट कोर्ट को देने की मांग की गयी है।

जनहित याचिका में इस बात पर जोर दिया गया कि हजारों और लाखों यात्री रोजाना ट्रेनों में यात्रा करते हैं, इसलिए अधिकारियों के लिए कवच प्रणाली जैसे सुरक्षा तंत्र को तुरंत लागू करना नितांत आवश्यक है, जो लोगों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों लोगों की जान लेने वाली विभिन्न दुर्घटनाओं का हवाला देते हुए, याचिका में तर्क दिया गया कि लापरवाही को रोकने के लिए न्यायिक हस्तक्षेप की जरुरत है, क्योंकि यह सार्वजनिक सुरक्षा का मामला है जो सबसे ऊपर है।

--आईएएनएस

एसकेपी

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Created On :   2 Jan 2024 8:31 PM IST

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