हीरे की राजधानी से शहरी नवीनीकरण के रोल मॉडल तक सूरत की यात्रा

हीरे की राजधानी से शहरी नवीनीकरण के रोल मॉडल तक सूरत की यात्रा
सूरत, 7 जनवरी (आईएएनएस)। ऐतिहासिक रूप से दक्षिणी गुजरात में कपड़ा और हीरा व्यापार के केंद्र के रूप में जाना जाने वाला शहर सूरत एक परिवर्तनकारी यात्रा के शिखर पर है।

सूरत, 7 जनवरी (आईएएनएस)। ऐतिहासिक रूप से दक्षिणी गुजरात में कपड़ा और हीरा व्यापार के केंद्र के रूप में जाना जाने वाला शहर सूरत एक परिवर्तनकारी यात्रा के शिखर पर है।

यह शहर वर्तमान में अपने बुनियादी ढांचे और परिवहन प्रणालियों में तेजी से विकास कर रहा है, जिसका इसके नागरिकों के जीवन और क्षेत्रीय रियल एस्टेट क्षेत्र पर प्रभाव डालना तय है।

सरकार का ध्यान सूरत के शहरी परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने वाली महत्वाकांक्षी परियोजनाओं पर केंद्रित हो गया है। इनमें से रेलवे स्टेशन पर मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब, इनोवेटिव सिटी पहल, मेट्रो रेल परियोजना और तापी रिवरफ्रंट का विकास प्रमुख हैं।

इन बुनियादी ढांचों की उन्नति से पूरे सूरत में रियल एस्टेट बाजार के विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे शहरी समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत होगी।

हाल ही का एक मुख्य आकर्षण सूरत डायमंड बोर्स का उद्घाटन था। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारीगरों और व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में एक्सचेंज की भूमिका पर जोर देते हुए 1,50,000 नई नौकरियों के सृजन की घोषणा की।

दुनिया के 90 प्रतिशत कच्चे हीरों के प्रसंस्करण के लिए प्रसिद्ध सूरत का हीरा बाजार वैश्विक हीरा राजधानी बनने की शहर की महत्वाकांक्षा को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।

एक अन्य महत्वपूर्ण विकास में रुंध-भाठा के पास तापी नदी पर लंबे समय से प्रतीक्षित पारंपरिक बैराज परियोजना को आखिरकार तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) से हरी झंडी मिल गई है।

सूरत नगर निगम (एसएमसी) द्वारा प्रबंधित 706 करोड़ रुपये की इस परियोजना का उद्देश्य एक पारंपरिक बैराज और एक निकटवर्ती फ्लाईओवर ब्रिज स्थापित करना है जिससे एक बड़ा मीठे पानी का भंडार तैयार हो सके। यह पहल सूरत में पानी की आपूर्ति बढ़ाएगी और क्षेत्रीय जल संसाधन प्रबंधन रणनीतियों के साथ हजीरा क्षेत्र में तापी नदी के किनारे उद्योगों को समर्थन देगी।

पांच साल पहले संकल्पित सूरत मेट्रो परियोजना एक और ऐतिहासिक उद्यम है। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित इस दो चरण वाली रैपिड ट्रांजिट प्रणाली में सरथाना वर्चा से ड्रीम सिटी और भेसन डिपो से सरोली तक मार्ग शामिल होंगे।

लगभग 12 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ, सूरत मेट्रो से शहर के दूरदराज के इलाकों को जोड़ने की उम्मीद है, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।

इसके अलावा देश की पहली हाई-स्पीड रेल लाइन मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (एमएएचएसआर) गेम-चेंजर साबित होने वाली है। हालांकि 1,10,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना अभी भी निर्माणाधीन है, जिसमें 2026 में सूरत से बिलिमोरा खंड के खुलने के बाद 2027 तक गुजरात के माध्यम से चालू होने की उम्मीद है।

सूरत के रियल एस्टेट बाजार के लिए इन ढांचागत प्रगति के मायने बहुत गहरे हैं। बुनियादी ढांचे का विकास वाणिज्यिक विकास को सुविधाजनक बनाता है और सहायक उद्योगों और गोदामों के विस्तार को प्रोत्साहित करता है।

यह व्यापार के लिए नए रास्ते खोलने वाले बाजार के आकार को बढ़ाता है, जिससे देश के शहरी विकास की कहानी में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में सूरत की स्थिति मजबूत होती है।

जैसे-जैसे सूरत 2024 में प्रवेश कर रहा है, ये बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शहर के इतिहास में एक परिवर्तनकारी अध्याय बन रही हैं, जो इसके निवासियों और व्यवसायों के लिए अच्‍छे भविष्य का वादा करती हैं।

--आईएएनएस

एमकेएस/एकेजे

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Created On :   7 Jan 2024 3:18 PM IST

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