एफपीआई जनवरी में भी बना हुआ है आक्रामक खरीदार
मुंबई, 7 जनवरी (आईएएनएस)। पिछले कुछ वर्षों में संसाधित अनुभवजन्य आंकड़ों के विपरीत, भारी-भरकम विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जनवरी के पहले सप्ताह में प्रमुख भारतीय इक्विटी बाजारों में तेजी जारी रखी है। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने भारतीय इक्विटी में 4,773 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
एफपीआई ने बड़ी मात्रा में डॉलर का निवेश किया था। दिसंबर में घरेलू इक्विटी बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के पर्याप्त प्रवाह से उछाल आया, जिन्होंने महीने के दौरान 66,134 करोड़ रुपये का प्रभावशाली निवेश किया। निफ्टी ने पिछले महीने का समापन लगभग 8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ किया।
दिसंबर में बाजार में तेजी उस महीने के दौरान एफपीआई प्रवाह से मजबूत तरलता के साथ आई, जो 58,372 करोड़ रुपये थी।
प्राथमिक बाजार और अन्य के माध्यम से निवेश सहित, दिसंबर एफपीआई प्रवाह 66,134 करोड़ रुपये था। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में तेज गिरावट और डॉलर में गिरावट के कारण 2023 के आखिरी दो महीनों में एफपीआई द्वारा बड़ा निवेश देखा गया है। एफपीआई प्रवाह जो दिसंबर से पहले 3 महीनों में नकारात्मक था, दिसंबर में तेजी से सकारात्मक हो गया है।
2023 के लिए कुल एफपीआई प्रवाह 171,106 करोड़ रुपये था।
फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के.विजयकुमार ने कहा, "दिसंबर में एफपीआई वित्तीय सेवाओं और आईटी में भी बड़े खरीदार थे। एफपीआई ने ऑटो, पूंजीगत सामान, तेल और गैस और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में भी खरीदारी की।"
उन्होंने कहा, दिसंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने वित्तीय सेवाओं और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण रुचि प्रदर्शित की। इसके अतिरिक्त, उसने अपने निवेश को ऑटोमोबाइल, पूंजीगत सामान, तेल और गैस और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में विविधता प्रदान की।
2023 के अंतिम दो महीनों में उल्लेखनीय निवेश प्रवृत्ति के बारे में बताते हुए जियोजित विश्लेषक ने इसके लिए अमेरिकी बांड पैदावार में भारी गिरावट और कमजोर डॉलर को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया कि एफपीआई प्रवाह, जो दिसंबर तक तीन महीनों में नकारात्मक था, ने पिछले महीने सकारात्मक क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव का अनुभव किया।
स्टॉकएज के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2023 में प्राथमिक और द्वितीयक दोनों बाजारों को मिलाकर भारतीय इक्विटी की शुद्ध खरीदारी की, जो कि 1.77 लाख करोड़ रुपये थी। यह भारतीय रुपये के संदर्भ में इतिहास में एफपीआई से अब तक का सबसे अधिक प्रवाह है।
--आईएएनएस
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Created On :   7 Jan 2024 11:57 PM IST