नोएडा प्राधिकरण के गेट पर किसानों ने ताला लटकाया, पुलिस से हुई नोकझोंक
नोएडा, 18 जनवरी (आईएएनएस)। नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरने पर बैठे किसानों ने गुरुवार को नोएडा प्राधिकरण के गेट पर ताला जड़ दिया। इस दौरान उनकी पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई। किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। किसानों का कहना है कि वह तभी उठेंगे, जब उनकी मांगें मानी जाएगी।
बताया जा रहा है कि पुलिस से हुई झड़प में किसान नेता सुखबीर खलीफा को भी चोट आई है। अपनी कई मांगों को लेकर 105 गांवों के नाराज किसान गुरुवार को सुबह बड़ी संख्या में नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर पहुंचे। इसके बाद गेट के सामने ही धरने पर बैठ गए। किसानों का कहना है कि हम अपना हक लेकर जाएंगे।
भारतीय किसान परिषद के अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने कहा कि जो मालिक हैं, वो सड़कों पर हैं। पुलिस भी किसानों के बच्चे हैं। हम लाठी-डंडा खा लेंगे, लेकिन तालाबंदी करेंगे।
किसानों ने कहा कि हमारी लड़ाई अधिकारियों से नहीं, कुर्सी से है। अधिकारी तो आते-जाते हैं, लेकिन, हम अपना हक लेकर रहेंगे। हमारा जायज हक है। सांसद से कहे 1 साल हो गए, अभी तक कुछ नहीं हुआ। अधिकारियों को शर्म आनी चाहिए कि इतने समय से यहां बैठे हैं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ।
इससे पहले 2 जनवरी को किसानों ने प्राधिकरण की तालाबंदी करने का ऐलान किया था। उस समय पुलिस प्रशासन के आश्वासन के बाद तालाबंदी रोक दी गई थी। जिसमें तय किया गया था कि प्राधिकरण के चेयरमैन से वार्ता करवाकर मांगों का निपटारा किया जाएगा। बैठक तो हुई लेकिन वह सफल नहीं हुई थी। जिसके बाद एनटीपीसी से प्रभावित 24 गांव और नोएडा प्राधिकरण से प्रभावित 81 गांव के किसानों ने मिलकर प्राधिकरण की तालाबंदी कर दी।
किसान जिन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उसके मुताबिक 10 प्रतिशत विकसित भूमि का अधिकार प्राधिकरण द्वारा दिया जाए, किसानों की आबादी का पूर्ण निपटारा कर रेवेन्यू रिकॉर्ड से प्राधिकरण का नाम हटाकर काश्तकार का नाम चढ़ाया जाए, आबादी विनियमावली 2011 के अनुसार 450 वर्गमीटर की सीमा को 1,000 वर्गमीटर किया जाए, ग्राम में सीमा के अंदर अधिग्रहित आबादी में रहने वाले पुश्तैनी किसानों के विनिमय हेतु कब्जा दस्तावेज के आधार पर किया जाए, 5 प्रतिशत विकसित भूखंड पर पूर्व में संचालित कमर्शियल गतिविधि करने की नीतिगत अनुमति दी जाए, नोएडा प्राधिकरण के 81 गांव में विकास भू-लेख विभाग में न रोककर सुचारु रूप से किया जाए, गांव में निर्माणाधीन मकानों पर भवन नियमावली लागू नहीं की जाए।
--आईएएनएस
पीकेटी/एबीएम
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Created On :   18 Jan 2024 11:16 PM IST